जिले में ईओडब्ल्यू इंस्पेक्टर की हत्या के 27 साल पुराने मुकदमे में बीएसपी नेता अनूप दूबे को आदालत ने उम्र कैद की सजा सुनाई है। नेता पर आरोप था कि वह अपने साथियों के साथ मिलकर ट्रेन में इंस्पेक्टर की हत्या कर दी थी। लंबी लड़ाई के बाद इंस्पेक्टर के परिजनों को न्याय मिला। इस लम्बी कानूनी प्रकिया के दौरान दो सह आरोपियों की मौत हो चुकी है। अनुपम मैनपुरी जेल में बंद है। अब दूबे की 113 करोड़ की सम्पति भी जप्त की जा चुकी है।

बता दें कि 14 मई 1996 को अनवरगंज स्टेशन पहुंची पैसेंजर ट्रेन के यात्रियों ने गार्ड आरके बाजपेई को ट्रेन में यात्री की हत्या की सूचना दी थी। वहीं, गार्ड की सूचना पर पहुंची अनवरगंज जीआरपी को मृतक की जेब से मिले सर्टिफिकेट से पता चला कि वे ईओडब्लू में तैनात इंस्पेक्टर मेरठ निवासी राम निवास यादव हैं। पुलिस की विवेचना में पता चला था कि फर्रुखाबाद में तैनाती के दौरान अनुपम दुबे के खिलाफ दर्ज एक मुकदमे की विवेचना कर रहे इंस्पेक्टर राम निवास यादव की स्थानांतरण के बाद ईओडब्ल्यू में तैनाती हुई थी। अगस्त 1996 को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी थी।

रामनिवास फर्रुखाबाद कोर्ट में बयान देकर ट्रेन से लौट रहे थे तभी उनकी हत्या कर दी गई। जीआरपी थाने में अनुपम दुबे के अलावा नेम कुमार उर्फ बिलइया और कौशल के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज की गई थी। गिरफ्तारी न होने पर पुलिस ने तीनों को फरार घोषित कर 19 अगस्त 1996 को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी थी। सीबीसीआईडी ने भी विवेचना कर रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल की थी।

मुकदमे की सुनवाई के दौरान नेम कुमार व कौशल की मौत हो गई। सालों से गैर हाजिर चल रहे अनुपम के खिलाफ सीएमएम कोर्ट ने सात जुलाई 2021 को कुर्की के आदेश जारी कर दिए थे। इसके बाद अनुपम ने फर्रुखाबाद में दर्ज एक दूसरे मुकदमे में समर्पण कर दिया था। उसे फतेहगढ़ जेल में रखा गया था। 19 जुलाई को कड़ी सुरक्षा में वह सीएमएम कोर्ट में तलब हुआ, जिसके बाद उसे इस मुकदमे में भी वारंट बनाकर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया था। फिलहा अभी भी मैनपुर जेल में बद है। हालांकि कोर्ट ने अब उम्र कैद की सजा चुनाई है।

 

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