बिहार लोक सेवा आयोग शिक्षक नियुक्ति को लेकर बिहार में जबरदस्त तरीके से सियासी घमासान मचा हुआ है। भाजपा राज्य की नीतीश कुमार सरकार पर निशाना साथ रही है। इन सब के बीच आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पलटवार किया है। नीतीश कुमार ने साफ तौर पर कहा है कि विपक्ष अब यूं ही अंड बंड बोलता रहता है। उन्हें ऐसा कहा गया है बोलने के लिए। उन्होंने इस बात से पूरी तरीके से इनकार किया है शिक्षक नियुक्ति में कहीं कोई गड़बड़ी हुई है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पटना में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हम लगातार इस क्षेत्र में अच्छा काम कर रहे हैं। जब बीजेपी वाले हमारे साथ थे तो ऐसा क्यों नहीं बोलते थे। अब वह ऐसा इसलिए बोल रहे हैं क्योंकि उन्हें बोला गया है बोलने के लिए।
नीतीश ने कहा कि वे(भाजपा) जब साथ में थे तब कभी नहीं बोलते थे। उन्हें ऐसा बोलने के लिए बोला जाता है इसलिए बोल रहे हैं, ऐसी कोई बात नहीं है। सभी नियुक्तियां अच्छे से हो रही हैं। वहीं, बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि बिहार के बच्चों के प्रतिभा का हनन करना बंद करे महाठगबंधन की सरकार। वोट दे बिहारी और नौकरी पाए बाहरी, यह दोहरा चरित्र नहीं चलेगा। ऐसे लोग कभी बिहार के हितैषी नहीं हो सकते। उन्होंन कहा कि यह एक शो है। पहले से नियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति पत्र, क्या है ये खेल? नई प्रतिभाओं को अपनाएं। आप उन लोगों की बात क्यों नहीं सुन रहे जिन्होंने इसके लिए आपत्ति जताई और विरोध किया? स्कूलों में शिक्षक क्यों नहीं हैं?
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने मंगलवार को घोषणा की कि वह इस सप्ताह के अंत में होने वाले उस कार्यक्रम का विरोध करेंगे जब नीतीश कुमार सरकार नव नियुक्त शिक्षकों को भर्ती पत्र देगी। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख मांझी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर घोषणा की कि वह शिक्षक पद के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए अदालत का आयोजन करेंगे, जो भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं की शिकायत कर रहे हैं। मांझी ने यह भी स्पष्ट रूप से कहा कि नियुक्ति पत्र बांटने के नीतीश कुमार सरकार के फैसले के विरोध में बृहस्पतिवार को उनके आवास पर बिहारी शिक्षक अभ्यर्थी अदालत का आयोजन किया जाएगा।