सूची जारी होने से पहले उन्होंने भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को अपनी ताकत की एक झलक दिखाते हुए पैदल यात्रा निकाली जिसमे 10000 से ज्यादा लोगो ने नवीन गोयल के कंधे से कंधा मिलाकर साथ देने का आश्वासन दिया और इसके बाद नवीन गोयल ने माँ शीतला के दरबार का रुख कर लिया और आशीर्वाद प्राप्त कर निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने का जनादेश सुना दिया।
नवीन गोयल ने कहा कि यह उनका अपना फैसला नही बल्कि गुड़गाँव की जनता की आवाज़ है। माँ शीतला के दरबार मे नवीन गोयल का दर्द भी झलक उठा। नवीन गोयल ने कहा कि वह पार्टी की सेवा में शुरू से ही लगे रहे है । सात साल से वह गुड़गाँव वासियो की सेवा करने ओर पार्टी की नीतियों का प्रचार प्रसार करने के लिए दिन रात लगे रहे लेकिन पार्टी ने उनकी इन सेवाओं को दरकिनार कर दिया ।
उन्होंने कहा कि उन्हें बड़ा दुख है कि पार्टी ने एक ऐसे व्यक्ति को टिकट दी जो साल 2009 में पार्टी से बगावत कर चुका है पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ भला बुरा बोल चुका है यहा तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की माता के निधन पर अपने जन्मदिन की पार्टिया करता है ऐसे व्यक्ति को पार्टी सर्वोच्च मान रही है और सच्ची सेवा करने वाले को नज़रअंदाज़ कर रही है।
नवीन गोयल ने कहा कि जनता का प्यार ही मुझे जीत दिलाएगा ओर चंडीगढ़ पहुँचायेगा । उन्होंने कहा कि आज निकाले गए पैदल मार्च में उमड़ा जनता का हुजूम साफ बता रहा है कि गुड़गांव की जनता नवीन गोयल को ही अपना विधायक बनाना चाहती है चाहे नवीन गोयल किसी राजनीतिक दल की टिकट पर चुनाव लड़े अथवा स्वतंत्र रूप से चुनावी रण का आगाज़ करे।