माकपा केंद्रीय समिति के सदस्य जितेंद्र चौधरी ने कहा कि अधिकांश राजनीतिक दल और सीएसओ कह रहे हैं कि भाजपा-आरएसएस की साजिशों के कारण मणिपुर में जातीय संकट पैदा हुआ और हजारों लोग तबाह हुए।
चौधरी माकपा महासचिव सीताराम येचुरी के नेतृत्व वाले वाम दल के चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों में से एक हैं, उन्होंने कहा, ”गृहमंत्री अमित शाह , उनके डिप्टी नित्यानंद राय व असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने राज्य का दौरा किया और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए उचित कदम उठाने के बजाय वे आग में घी डालकर चले गए।”
चौधरी माकपा के त्रिपुरा राज्य सचिव भी हैं, उन्होंने कहा, “मणिपुर में 60,000 से अधिक केंद्रीय बल के जवान तैनात हैं, तब ऐसी हालत है। हर कोई कह रहा है कि मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह को उनके पद पर रखने से संकट हल नहीं होगा।”
मकापा प्रतिनिधिमंडल ने कांग्रेस, जनता दल-यूनाइटेड और आम आदमी पार्टी सहित 10 समान विचारधारा वाले दलों के गठबंधन के साथ भी बैठक की।
बैठक में मणिपुर के तीन बार के पूर्व मुख्यमंत्री और दिग्गज कांग्रेस नेता ओकराम इबोबी सिंह भी मौजूद थे।
राजनीतिक दलों और सीएसओ के साथ बैठक के दौरान येचुरी ने कहा कि माकपा सीमित शक्ति के साथ देश के लोगों से संकट की घड़ी में मणिपुर के लोगों का साथ देने और संकट को हल करने में मदद करने का आग्रह करेगी।.
दौरे पर आए प्रतिनिधिमंडल ने इंफाल कैथोलिक आर्कबिशप रेव डोमिनिक लुमोन और यूनाइटेड नागा काउंसिल के साथ भी मणिपुर की स्थिति पर चर्चा की।
वामपंथी प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को भी इंफाल के विभिन्न राहत शिविरों में विस्थापित लोगों और कैदियों से मुलाकात की और राहत सामग्री वितरित की और रविवार को अपने प्रस्थान से पहले विभिन्न समुदायों के लोगों के अलावा कई अन्य सीएसओ और राजनीतिक दलों से भी मुलाकात करेंगे।
माकपा प्रतिनिधिमंडल तीन दिवसीय राजकीय दौरे पर शुक्रवार को संकटग्रस्त मणिपुर पहुंचा। प्रतिनिधिमंडल ने चुराचांदपुर और मोइरांग में राहत शिविरों में विस्थापित लोगों से मुलाकात की।
वाम प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार शाम को राजभवन में राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात की और हिंसा प्रभावित राज्य की मौजूदा स्थिति पर चर्चा की।
प्रतिनिधिमंडल में अन्य सदस्य माकपा के असम राज्य सचिव सुप्रकाश तालुकदार और पश्चिम बंगाल की पूर्व मंत्री देबलीना हेम्ब्रोम भी शामिल हैं। दोनों माकपा केंद्रीय समिति के सदस्य भी हैं।