बीजेपी सांसद भर्तृहरि महताब ने 18वीं लोकसभा के प्रोटेम स्पीकर के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शपथ दिलाई।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ सांसद भर्तृहरि महताब को प्रोटेम स्पीकर के पद की शपथ दिलाई। इस शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़, संसदीय कार्यमंत्री किरेन रीजीजू सहित कई अन्य मंत्री उपस्थित थे।
महताब ने हिन्दी में पद की शपथ ली। शपथ लेने के बाद राष्ट्रपति मुर्मू ने उन्हें बधाई दी।
शपथ लेने के बाद प्रधानमंत्री मोदी, उपराष्ट्रपति धनखड़ और अन्य नेताओं ने उन्हें बधाई दी।
18वीं लोकसभा का पहला सत्र सोमवार से शुरू होने जा रहा है। इसके पहले और दूसरे दिन नवनिर्वाचित सदस्यों का शपथ ग्रहण होगा। प्रोटेम स्पीकर महताब नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाएंगे। नवगठित लोकसभा का पहला सत्र 24 जून से 3 जुलाई तक चलेगा। सोमवार और मंगलवार को नवनिर्वाचित सदस्य शपथ लेंगे। बुधवार 26 जून को सदन के स्थायी स्पीकर का चुनाव होगा।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बृहस्पतिवार को संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगी। राज्यसभा का सत्र बृहस्पतिवार से ही शुरू होगा।
भर्तृहरि महताब ओडिशा की कटक लोकसभा सीट से लगातार सातवीं बार चुने गये हैं। इस बार बीजू जनता दल (बीजद) छोड़कर भाजपा में आये महताब ने बीजद के संत्रुप्त मिश्रा को 57,077 वोटों से हराया है।
संसदीय मामलों के मंत्री किरेन रीजीजू ने 18वीं लोकसभा का पहला सत्र शुरू होने के मद्देनजर सोमवार को कहा कि उन्हें संसद के निर्बाध संचालन के लिए समन्वय की उम्मीद है।
रीजीजू ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि वह संसदीय कार्य मंत्री के रूप में सांसदों की सहायता करने के लिए सदैव उपलब्ध रहेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘18वीं लोकसभा का पहला सत्र आज, 24 जून 2024 को शुरू हो रहा है। मैं सभी नव निर्वाचित माननीय सदस्यों का स्वागत करता हूं। मैं संसदीय कार्य मंत्री के रूप में सदस्यों की सहायता करने के लिए सदैव उपलब्ध रहूंगा। मैं सदन के निर्बाध संचालन के लिए समन्वय की उम्मीद करता हूं।’’
प्रोटेम स्पीकर अस्थायी अध्यक्ष होता है। प्रोटेम लैटिन भाषा के प्रो टैम्पोर का संक्षिप्त रूप है। इसका अर्थ ‘कुछ समय के लिए’ होता है। अतः प्रो-टेम स्पीकर एक अस्थायी अध्यक्ष होता है जिसे लोकसभा या राज्य विधानसभाओं में कार्यों का संचालन करने के लिए सीमित अवधि के लिए नियुक्त किया जाता है।