कभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी नेता माने जाने वाले पूर्व विधान पार्षद (एमएलसी) रणवीर नंदन ने बुधवार को जदयू से इस्तीफा दे दिया।
पूर्व एमएलसी रणवीर ने जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह को अपना इस्तीफा भेजा।
नंदन ने अपने पत्र में इस्तीफा दिए जाने के कारणों का उल्लेख नहीं किया है। उन्होंने एक पंक्ति के लिखे इस्तीफा पत्र में सिर्फ इतना लिखा है कि मैं पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं। पत्र की प्रतिलिपि उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पार्टी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा को भी भेजी है।
पत्र के बाद जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने एक पत्र जारी किया, जिसमें रणवीर नंदन को पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त रहने के आरोप में जदयू से निष्कासित करने की जानकारी दी गई। बताया जाता है पिछले काफी दिनों से नंदन पार्टी से नाराज चल रहे थे। भविष्य की राजनीति को लेकर अब तक इन्होंने कोई खुलासा नहीं किया है, लेकिन कहा जा रहा है कि उनकी भाजपा से नजदीकियों रही हैं।
इस मामले पर जब लोजपा (रामविलास) प्रमुख और सांसद चिराग पासवान से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह तो अभी शुरुआत है। चुनाव आने तक जदयू के कई नेता पाला बदलेंगे। उन्होंने कहा कि नेता तो गठबंधन बदल लेते हैं। लेकिन, क्षेत्र में जवाब एमएलसी और एमएलए या जिन्हें चुनाव लड़ना होता है, उन्हें देना पड़ता है।