बिहार विधानसभा में मंगलवार को सरकार ने हाल में ही हुई जातीय गणना और आर्थिक सर्वे रिपोर्ट रखी। इस रिपोर्ट के आंकड़ों के मुताबिक बिहार में मात्र नौ प्रतिशत ही ऐसे परिवार हैं, जिनकी प्रति माह आय 50 हजार रुपए से अधिक है। सरकार द्वारा कराए गए जाति आधारित गणना रिपोर्ट के आर्थिक आंकड़ों पर गौर करें तो छह हजार रुपए तक प्रति महीना आय वाले परिवारों की संख्या जहां 34.13 प्रतिशत है वहीं 6 हजार से 10 हजार रुपये प्रति महीना आय वाले परिवारों की संख्या 29.61 प्रतिशत है। इसी तरह 10 हजार से 20 हजार तक आय वाले परिवारों की संख्या 18.06 फीसदी तथा 20 हजार से 50 हजार आय वाले परिवारों की संख्या 9.83 प्रतिशत है। 50 हजार रुपए से ज्यादा मासिक आय वाले परिवारों की संख्या मात्र 3.90 प्रतिशत है।

आंकड़ों के मुताबिक, सामान्य वर्ग के लगभग 25 फीसदी आबादी की मासिक आय 6 हजार रुपए, 23 फीसदी आबादी की मासिक आय 6 से 10 हजार रुपए, 19 फीसदी आबादी की मासिक आय 10 हजार से 20 हजार, 16 फीसदी आबादी की मासिक आय 20 हजार से 50 हजार, 9 फीसदी आबादी की मासिक आय 50 हजार से ज्यादा है।

इसी तरह पिछड़ा वर्ग में 33 फीसदी आबादी की मासिक आय 6 हजार रुपए है। जबकि, अति पिछड़ा वर्ग में 33 फीसदी आबादी की मासिक आय 6 हजार रुपए या उससे कम है। पिछड़ा वर्ग में 29 फीसदी आबादी की मासिक आय 6 से 10 हजार है। जबकि, 18 फीसदी आबादी की मासिक आय 10 से 20 हजार,10 फीसदी आबादी की मासिक आय 20 से 50 हजार तथा 4 फीसदी आबादी की मासिक आय 50 हजार रुपए से ज्यादा है।

अत्यंत पिछड़ा वर्ग में 32 फीसदी आबादी की मासिक आय 6 से 10 हजार, 18 फीसदी आबादी की मासिक आय 10 से 20 हजार तथा मात्र 2 फीसदी आबादी की मासिक आय 50 हजार रुपए से ज्यादा है।

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