प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने करोड़ों रुपये के राशन वितरण अनियमितता मामले (Bengal ration scam) में चल रही जांच के तहत बुधवार को पश्चिम बंगाल के वन मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक  के आवास पर छापेमारी और तलाशी अभियान शुरू किया।

कोलकाता के उत्तरी बाहरी इलाके में पूर्व खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री का साल्ट लेक आवास उन आठ स्थानों में से एक है, जहां केंद्रीय एजेंसी के अधिकारी छापा मार रहे हैं।

ईडी अधिकारी कोलकाता के उत्तरी बाहरी इलाके नागेरबाजार में मल्लिक के गोपनीय सहायक अमित डे के जुड़वां आवासों पर भी तलाशी ले रहे हैं।

छापेमारी और तलाशी अभियान के अलावा, ईडी के अधिकारी मंत्री से पूछताछ कर रहे हैं।

मल्लिक का नाम कोलकाता के व्यवसायी बकीबुर रहमान से पूछताछ के दौरान सामने आया था, जिसे हाल ही में इसी मामले में गिरफ्तार किया गया था।

शुरू से ही, केंद्रीय एजेंसी के अधिकारी इस मामले में राज्य के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के भीतर उच्च और शक्तिशाली लोगों की संलिप्तता पर संदेह कर रहे थे।

रहमान के आवासों और कार्यालयों से राज्य खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की कई मुहरें बरामद होने के बाद ईडी के अधिकारियों की आशंका गहरा गई।

जांच अधिकारियों का मानना है कि इतने बड़े पैमाने पर राशन वितरण में अनियमितताएं राज्य के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के उच्च और शक्तिशाली लोगों और राज्य में राशन वितरकों और राशन डीलरों के एक वर्ग के सक्रिय सहयोग के बिना संभव नहीं हो सकती थीं।

राशन वितरण अनियमितता मामले में मुख्य आरोप यह है कि उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से वितरण के लिए आए गेहूं को डायवर्ट किया गया और बाजार में बहुत अधिक कीमतों पर बेचा गया।

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