उत्तर प्रदेश के शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सभी जिलों के प्राइमरी व जूनियर विद्यालयों के शिक्षकों को ऑन लाइन स्कूल में अटेंडेंस लगाने का नियम लागू कर दिया है। उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग के इस फरमान को सुनते ही प्रदेश के शिक्षकों में हड़कंप मच गया। इसी क्रम में बहराइच के सभी शिक्षक संघ एकजुट हो कर जिला मुख्यालय के धरनास्थल पर सैकड़ो की संख्या में पहुंच कर ऑन लाइन अटेंडेंस का विरोध प्रदर्शन किया और प्रशासन को एक ज्ञापन भी सौपा।
 
शिक्षक नेताओं ने मीडिया से बात करते हुए इस नियम को काला कानून बताते हुए तत्काल वापस लेने की बात कहीं और अगर इस अटेंडेंस ऑनलाइन नियम को वापस नहीं लिया तो आगे आंदोलन होगा। यूपी सरकार को चेतावनी दी है कि हम सरकार बना सकते है तो आने वाले चुनाव में सरकार बदल भी देंगे।

बता दें कि ऑनलाइन व्यवस्था के अनुसार, स्कूलों के 12 रजिस्टरों का डिजिटाइजेशन किया जाएगा, जिसमें उपस्थिति पंजिका, प्रवेश पंजिका, कक्षावार छात्र उपस्थिति पंजिका, एमडीएम पंजिका, समेकित निःशुल्क सामग्री वितरण पंजिका, स्टॉक पंजिका, बैठक पंजिका, निरीक्षण पंजिका, पत्र व्यवहार पंजिका, बाल गणना पंजिका, पुस्तकालय एवं खेलकूद पंजिका शामिल हैं। इस फैसले के बाद विरोध के स्वर भी तेज हो गए हैं। शिक्षकों ने बरसात के कारण खराब रास्ते, स्कूलों में जलभराव जैसी व्यवहारिक दिक्कत का हवाला देते हुए इसमें रियायत देने की मांग की। साथ ही सुनवाई न होने पर विरोध करने की भी बात कही है।

परिषदीय विद्यालयों में पिछले साल से शिक्षकों, कर्मचारियों, छात्रों की डिजिटल अटेंडेंस समेत एक दर्जन रजिस्टर को डिजिटल करने की कवायद चल रही है। पिछले साल शिक्षकों के विरोध के कारण यह सफल नहीं हुआ। इस सत्र की शुरुआत के साथ ही एक बार फिर छात्रों की उपस्थिति डिजिटल कर दी गई है। वहीं, पूर्व में 15 जुलाई से शिक्षकों, कर्मचारियों की भी उपस्थिति डिजिटल करने के निर्देश दिए गए थे। किंतु अचानक एक आदेश जारी कर आठ जुलाई से ही इनकी उपस्थिति भी डिजिटल करने के निर्देश जारी कर दिए गए।

 

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