असम सरकार ने राज्य में बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक मसौदा विधेयक तैयार करने के लिए पांच सदस्यीय समिति का गठन किया है।

राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने समिति के गठन के बारे में एक अधिसूचना जारी की। असम के महाधिवक्ता देवजीत सैकिया, डीजीपी जी.पी. सिंह, राज्य के वरिष्ठ अतिरिक्त महाधिवक्ता नलिन कोहली, कानूनी सलाहकार और सचिव रोमेन बरुआ और गृह और राजनीतिक विभाग के सचिव बिस्वजीत पेगु को इसमें शामिल किया गया है।

कानून का मसौदा तैयार करने के अलावा, समिति अन्य पहलुओं पर भी गौर करेगी जैसे झूठी पहचान के आधार पर अंतर धार्मिक विवाह से निपटना, बाल विवाह के मामले में ‘काजी’ की भूमिका आदि।

समिति के सदस्य विधि आयोग के अध्यक्ष के साथ बैठक करेंगे और 45 दिन के भीतर रिपोर्ट सौंपेंगे।

इस बीच, विपक्षी ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) ने इस मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुये राज्य की सत्तारूढ़ भाजपा सरकार की आलोचना की।

एआईयूडीएफ विधायक और पार्टी महासचिव अमीनुल इस्लाम ने कहा, “हमारे नेता बदरुद्दीन अजमल समिति की रिपोर्ट देखेंगे और फिर हम पार्टी की ओर से एक आधिकारिक बयान जारी करेंगे।”

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