– गालिबपुर में दलित समाज के लोगों ने किया स्वागत
– वार्ड-34 में उठ रही अन्ना के विधायक बनने की पुकार

खतौली। निर्दलीय प्रमोद कुमार उर्फ अन्ना ने दलित-मुस्लिम गठजोड़ के सहारे समीकरण साधने में जुटे हैं। दलित और मुस्लिम समाज में उन्हें भरपूर समर्थन मिल रहा है। उनका भव्य स्वागत किया गया। अन्ना ने स्थानीय मुद्दों को छेड़कर जनता की नब्ज पकड़ी है। निरंतर चुनाव लड़ने के कारण वह पश्चिम यूपी के बड़े चेहरे के रूप में उभर रहे हैं। युवाओं के अलावा बुर्जुगों में अन्ना विधायकी की पहली पसंद गए है। खास यह है कि जिला पंचायत के वार्ड 34 में शामिल गांवों में उनका रूतबा बढ़ा है। यहां से वह बड़े-बड़े दिग्गजों को अपनी रणनीति से गणित बिगाड़ सकते हैं।
खतौली विधानसभा का उपचुनाव जातिगत आंकड़ों पर ठहर रहा है। भाजपा अपने आधार वोट बैंक के सहारे चुनावी नैय्या पार लगाने की जुगत भिड़ा रही है, जबकि गठबंधन जाट, मुस्लिम और गुर्जर के बलबूते मैदान फतेह करना चाह रहा है। इसके इतर, प्रमोद आर्य उर्फ अन्ना ने निर्दलीय होकर जनता के दिलों में जगह बना ली है। वह सभी 36 बिरादरियों में घूम-घूम कर चुनाव की दिशा बदलने में लगे है। अंती, कैलावड़ा, पमनावली, खानपुर, चित्तौड़ा, शाहपुर, पिपलहेड़ा, सिखरेड़ा, चांदसमद के साथ गालिबपुर, बहापुर, बिहारीपुर और मोहिऊद्दीनपुर में लोगों का भरपूर सहयोग मिल रहा है। अन्ना को लोग चुनाव वैतरणी पार लगाने के लिए आर्थिक सहायता कर रहे हैं। बुधवार को गालिबपुर में दलित समाज के लोगों ने उनका भव्य स्वागत किया। यहां पर अन्ना सभा में कहा कि वह स्थानीय मुददों, क्षेत्र की जनता के लिए चुनाव लड़ने आए है। दलित, शोषितों और पीड़ितों की शिकायत पर नेता सुनवाई नहीं करते हैं। उनकी आवाज उचित पटल तक नहीं पहुंचती है। जिस कारण समस्या के साथ जनता की उम्मीद टूटकर बिखर जाती है। लेकिन वह ऐसा नहीं होने देंगे। प्रत्येक व्यक्ति का सम्मान करने के साथ उनकी समस्या का सौ फीसद हल कराया जाएगा। अन्ना के प्रचार को देखकर सत्ताधारियों और गठबंधन के नेताओं ने भी दांतों तले उंगली दबा ली है। अन्ना की सटीक रणनीति और धुआंधार प्रचार व्यवस्था के आगे वह हैरान हो गए हैं। उपचुनाव में अन्ना समीकरण प्रभावित करने वाले नेता के रुप में उभर गए हैं।

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