उत्तराखंड को रेल बजट में 4,641 करोड़ का आवंटन 

देहरादून, 3 फरवरी (हि.स.)। केंद्रीय रेल मंत्री, सूचना एवं प्रसारण मंत्री व इलेक्ट्रोनिक्स और सूचना प्रौद्यौगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज पत्र सूचना कार्यालय देहरादून में वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया। उन्हाेंने बताया कि इस बार रेलवे को दो लाख 52 हजार कराेड़ का बजट में आवंटन किया गया है। इस आवंटन के लिए वैष्णव ने केंद्रीय वित्त मंत्री का भी आभार जताया है।

केंद्रीय बजट में उत्तराखंड को मिले फंड की जानकारी देते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि वर्ष 2025-26 के बजट में उत्तराखंड के लिए 4,641 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। इस राशि से राज्य में रेल नेटवर्क को और अधिक सुदृढ़ किया जाएगा। उन्होंने केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना की प्रगति पर प्रकाश डालते हुए बताया कि 125 किमी लंबे इस प्रोजेक्ट का 49% कार्य पूरा हो चुका है। इस परियोजना की कुल लागत 24,659 करोड़ रुपये है।

उन्होंने कहा कि ये परियोजना सरकार की अति महत्वाकांक्षी परियोजना है। उन्हाेंने बताया कि प्रदेश में देवबंद-रुड़की रेल लाइन का 96 प्रतिशत कार्य पूरा हो गया है, जिसकी कुल लागत 1,053 करोड़ है और ये रेल लाइन 27.5 किलोमीटर की है। साथ की जानकारी दी गई कि 63 किलोमीटर की किच्छा-खटीमा रेल लाइन परियोजना 228 करोड़ की लागत से बनेगी।

उत्तराखंड मे चल रही रेल परियोजनाएं

उत्तराखंड में 2014 से 2025 तक 69 किमी के नए रेल ट्रैक बिछे हैं। साथ ही इसी अवधि में 303 किमी की रेल लाइनों को इलेक्ट्रीफाइड किया गया है। 2009-14 के बीच ये आंकड़ा 0 का था। आज प्रदेश की हर रेलवे लाइन बिजलीयुक्त है। फिलहाल राज्य में 216 किमी की 03 रेल परियोजनाओं (रेलवे ट्रैक) का काम चल रहा है, जिसकी लागत 25, 941 करोड़ है। देहरादून, हरिद्वार जंक्शन, हर्रावाला, काशीपुर जंक्शन, काठगोदाम, किच्छा, कोटद्वार, लाल कुआं जंक्शन, रामनगर, रुड़की और टनकपुर सहित 11 स्टेशनों को 147 करोड़ की लागत से अमृत स्टेशनों के रूप में विकसित किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि प्रदेश में 49 रूट किलोमीटर के लिए कवच प्रणाली की संस्तुति है। इसके अलावा 2014 से अबतक उत्तराखंड में 100 रेल फ्लाई ओवर और अंडर ब्रिज का निर्माण किया जा चुका है। यात्रियों के लिए स्टेशनों पर छह लिफ्ट्स, 14 एस्केलेटर्स का निर्माण किया गया है और 31 स्टेशनों पर वाईफाई की सुविधा यात्रियों के लिए उपलब्ध है। इसके अलावा राज्य में दो वंदे भारत ट्रेने सफलतापूर्वक सेवाएं दे रहीं हैं

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