दिवंगत समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया मुलायम सिंह यादव के परिवार की तीसरी पीढ़ी, अदिति यादव, इन दिनों चर्चा का केन्द्र बन गई हैं। हालही में संसद में उनकी उपस्थिति उनके राजनीतिक आने की अटकलों को जन्म दे रही है। अदिति अपनी मां डिंपल यादव और चाचा धर्मेंद्र यादव के साथ वहां उपस्थित थीं। इससे पहले, उन्होंने मैनपुरी और कन्नौज में अपने माता-पिता के लिए वोट मांगने का काम किया था, जिससे उनकी सक्रियता में इजाफा हुआ है। अदिति के सोशल मीडिया पर भी काफी सक्रिय होने से उनके राजनीतिक भविष्य के बारे में चर्चा और तेज हो गयी है।
अदिति यादव, जो कि 22 वर्ष की हैं, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और डिंपल यादव की बड़ी बेटी हैं। उनके जुड़वां भाई-बहन, टीना और अर्जुन हैं। अदिति ने लखनऊ के प्रतिष्ठित ला मार्टिनियर कॉलेज से शिक्षा ग्रहण की, जहां उन्होंने 12वीं कक्षा में 98% अंक प्राप्त किए। वर्तमान में, वह लंदन में यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन से राजनीति और अंतरराष्ट्रीय संबंधों की अध्ययन कर रही हैं। इसके साथ ही, अदिति को बैडमिंटन और हॉर्स राइडिंग का भी शौक है, जिसमें उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर पदक भी जीते हैं।
अदिति यादव की राजनीतिक यात्रा चर्चा में तब आई जब उन्होंने दिसंबर 2022 में मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव के दौरान अपनी मां के लिए अभियान चलाया। यह चुनाव उनके दादा मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद हुआ था। यहां पर डिंपल यादव सपा की उम्मीदवार थीं। अदिति ने चुनाव प्रचार के दौरान कई कार्यक्रमों में भाग लिया, जिसमें उन्होंने अपनी मां के भाषण को ध्यान से सुना। इस दौरान के अनुभव ने इस बात की ओर संकेत किया कि अदिति को राजनीति में उतरने का मौका मिल सकता है। अब संसद में उनकी उपस्थिति के बाद यह चर्चा फिर से शुरू हो गई है।
इसके जवाब में, अखिलेश यादव ने एक पॉडकास्ट में बताया कि उनकी बेटी को राजनीति के बारे में समझने का मौका दिया गया है। उन्होंने कहा कि अदिति और उनके भाई-बहन को यह जानना आवश्यक है कि राजनीति क्या होती है। उन्होंने अपने बच्चों को सलाह दी कि वे जनता के बीच जाकर उनके मुद्दों को समझें। सांसद डिंपल यादव ने भी खुलासा किया कि अदिति अपनी जड़ों को तलाशने के लिए काम कर रही हैं और वह पूरी तरह से स्वतंत्र हैं कि वे भविष्य में राजनीतिक करियर बनाना चाहती हैं या नहीं।
अभी के लिए अदिति यादव विधानसभा चुनाव नहीं लड़ सकतीं क्योंकि उनकी उम्र 25 वर्ष से कम है। 2027 में अगला विधानसभा चुनाव होगा और इस समय उनकी उम्र 24 वर्ष के करीब होगी। इसीलिए, उनका चुनावी करियर संभवतः 2029 में शुरू हो सकता है, जब उन्हें लोकसभा चुनाव में अवसर मिल सकता है। हालांकि, पार्टी के भीतर अदिति की राजनीतिक भूमिका को लेकर कोई निश्चित चर्चा नहीं हुई है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि उन्हें पार्टी में किसी न किसी पद पर नियुक्त किया जा सकता है। अब सबकी नजरें इस बात पर हैं कि सपा उन्हें आगामी चुनावों में कैसे पेश करती है।
अदिति यादव के राजनीतिक भविष्य को लेकर सभी आशंकाएं और अटकलें तेज हो चुकी हैं। राजनीति में शामिल होने के लिए समय और कुछ ठोस योजनाओं की आवश्यकता होती है, और अदिति के परिवार का समर्थन उन्हें इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है।