दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को आबकारी नीति मामले में आप नेता संजय सिंह की न्यायिक हिरासत 14 दिनों (24 नवंबर तक) के लिए बढ़ा दी है।
पिछली न्यायिक हिरासत समाप्त के बाद संजय सिंह को राउज़ एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एम.के. नागपाल के समक्ष पेश किया गया।
पिछली बार न्यायाधीश एमके नागपाल ने संजय सिंह को कुछ चेक पर हस्ताक्षर करने की अनुमति दी थी। दरअसल उन्होंने अपने पारिवारिक खर्चों और संसद सदस्य के रूप में अन्य कार्यों के लिए ऐसा करने का अनुरोध किया था।
संबंधित जेल अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे संजय सिंह का उचित इलाज सुनिश्चित करें, जिसमें उनका निजी डॉक्टर भी शामिल हो।
न्यायाधीश ने कहा था, “अदालत को आरोपी को निजी इलाज से इनकार करने का कोई कारण नहीं दिखता। इसलिए, संबंधित जेल अधीक्षक को उचित इलाज सुनिश्चित करने का निर्देश दिया जाता है।”
शुक्रवार को न्यायाधीश एमके नागपाल ने संजय सिंह की न्यायिक हिरासत 24 नवंबर तक बढ़ा दी। संजय सिंह ने अपनी गिरफ्तारी और रिमांड के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया था। लेकिन उन्हें कोई राहत नहीं मिली। न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा ने उनकी याचिका को समय से पहले बताते हुए खारिज कर दिया।
इसके बाद सिंह ने हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, जिसने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनकी गिरफ्तारी और रिमांड को बरकरार रखा। 13 अक्टूबर को संजय सिंह ने न्यायाधीश नागपाल से कहा था कि ईडी एक ‘मनोरंजन विभाग’ बन गया है।
न्यायाधीश ने उन्हें निर्देश दिया था कि वह ऐसे मामलों पर चर्चा न करें या अदालत के अंदर भाषण न दें, अन्यथा वह अब से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपनी पेशी के लिए कहेंगे।
ईडी ने 4 अक्टूबर को नॉर्थ एवेन्यू इलाके में उनके आवास पर तलाशी लेने के बाद संजय सिंह को गिरफ्तार किया था। सिंह को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया है।