वित्त मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि आठ साल से दिल्ली को सेंट्रल पुल से मिलने वाले हिस्से में कोई बदलाव नहीं किया गया है. अन्य राज्यों को 42 फीसदी हिस्सा मिलता है लेकिन दिल्ली को लगातार हर साल सिर्फ 325 करोड़ रुपए ही मिल रहे हैं, जबकि दिल्ली हर साल केंद्र को 1.75 करोड़ का योगदान दे रही है केंद्र को, इसके अनुसार दिल्ली का शेयर 6,400 करोड़ बनता है अब तो अगले साल से दिल्ली का हिस्सा शून्य कर दिया गया है, यानी 325 करोड़ भी अब नहीं मिलेगा.

कैलाश गहलोत ने केंद्र सरकार से दिल्ली को मिलने वाले फंड को लेकर सवाल खड़े किए.
कैलाश गहलोत ने कहा कि दिल्ली को 6400 करोड़ रुपए मिलने चाहिए. केन्द्र सरकार की तरफ से 325 करोड़ रुपए दिए जाते हैं.
कैलाश गहलोत ने कहा कि 325 करोड़ रुपए जो अब तक मिल रहे थे वह भी शून्य कर दिया गया है.
कैलाश गहलोत ने केंद्र सरकार पर दिल्ली के साथ आर्थिक भेदभाव करने का भी आरोप लगाया.

 वित्त मंत्री कैलाश गहलेत ने कहा कि सत्र 2022-23 में 76,800 करोड़ के की तुलना में रिवाइज्ड एस्टिमेट 72,500 करोड़ रहा. सत्र 2023-24 के लिए मैं 78,800 करोड़ का बजट प्रस्तुत कर रहा हूं. यह पिछले साल कि तुलना में 8.69 फीसदी अधिक है. इसमें 56,983 करोड़ का रेवेन्यू एक्सपेंडिचर है और कैपिटल एक्सपेंडिचर के लिए 21,817 करोड़ रुपए हैं.

दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय स्तर से 2.6 गुना ज्यादा है. यह सभी राज्यों से तीसरे स्थान पर है. 8 साल से सरकार ने दिल्ली की अर्थव्यवस्था में सुधार का प्रयास किया है. दिल्ली के आम निवासी की औसत आय देश में सबसे ज्यादा है.

दिल्ली का मौजूदा GSDP बढ़कर 10,43,759 करोड़ रहने की संभावना है. जो पिछले वित्त वर्ष से 15 फीसदी ज्यादा है. रियल ग्रोथ रेट 9.18 फीसदी रहने की संभावना है जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह 7 फीसदी रहने की संभावना है.

बजट के दौरान बोले कैलाश गहलोत, तीनों कूड़े के पहाड़ दिल्ली की छवि पर काला धब्बा रहा है, एमसीडी के साथ काम करेंगे. इन सब के लिए 21 हजार करोड़ का बजट रखा गया है.

1998 में दिल्ली मेटो का निर्माण शुरू होने के बाद 2015 तक 193 किलोमीटर था. जबकि पिछले 8 सालों में मेट्रो नेटवर्क लंबाई 390 हो गयी है. स्टेशन 286 हो गए है.

 

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