मथुरा। उत्तर प्रदेश के गन्ना विकास मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने आज कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार के समय में गन्ने की खेती का जल्दी भुगतान सुनिश्चित कर पिछले छह साल में किसानों को दो लाख 4 हजार 745 करोड के गन्ने मूल्य का भुगतान किया जा चुका है। चौधरी ने आज यहां पत्रकारों को बताया कि इस सीजन में कुल 930 करोड टन गन्ने की पेराई हुई है तथा 31 मार्च 2023 तक गन्ना किसानों को 21620 करोड रुपए का भुगतान किया गया है। वर्तमान में प्रदेश में 96 चीनी मिल चल रही हैं। उन्होंने कहा कि जब तक एक भी गन्ना किसान के खेत में है तब तक प्रदेश में चीनी मिल चलेगी।

उन्होंने बताया कि गन्ने का समय से भुगतान करने के कारण पिछले 6 साल में गन्ने की खेती का क्षेत्रफल करीब साढे आठ लाख हेक्टेयर बढा है। आज एथनॉल के उत्पादन में उत्तर प्रदेश देश में पहले स्थान पर है। प्रयास है कि आने वाले समय में किसान का ट्रैक्टर एथनॉल से ही चले। सरकार की मंशा है कि किसान का उत्पाद किसान के ही काम आए। उन्होंने दावा किया कि जितना गेहू और धान की खरीद एमएसपी के तहत होती है उससे कई गुना अधिक पैसा गन्ने की खरीद के जरिए किसान तक पहुचता है। मंत्री ने कहा कि पूर्व की सरकारों के समय में गन्ना किसान को गन्ने के मूल्य का भुगतान जहां टेढी खीर की तरह था वहीं आज यूपी में 105 मिल ऐसी है जो किसान को 10 दिन में गन्ना मूल्य का भुगतान कर रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार बनने के समय किसानों से वायदा किया गया था कि यूपी में एक सप्ताह में गन्ना मूल्य भुगतान की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी और आज सरकार उसी दिशा में तेजी से आगे बढ रही है।

मंत्री का मानना है कि किसान की आमदनी को दोगुना करने के प्रधानमंत्री के संकल्प को पूरा करने की दिशा में भी सरकार के प्रयास मील का पत्थर साबित होंगे। गन्ने की प्राकृतिक खेती पर भी जोर दिया जा रहा है। यह जीरो बजट खेती है तथा आज प्रकृतिक खेती के उत्पादों का बाजार भी तेजी से बढ रहा है। यह भी किसान की आमदनी बढा रहा है। गन्ना विकास मंत्री ने कहा कि यूपी में अनेक बार ऐसी परिस्थितियां रही है जब किसान का गन्ना खेत में ही सूख गया अथवा खेत में खडे गन्ने मेें आग लगानी पडी थी। जब से यूपी में योगी जी के नेतृत्व में सरकार बनी है तबसे किसान के खेत में एक भी गन्ना बाकी नहीं रहा है तथा अंतिम समय तक शुगर मिल चली हैं यहां तक कि कोविड के दौर में जब दुनिया पूरी तरह से ठहर गई थी और कारखाने तक बन्द हो गए थे तब भी यूपी की 119 चीनी मिल चलती रही थीं।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Verified by MonsterInsights