रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर देश के तमाम राज्यों से कुछ न कुछ उपहार अयोध्या पहुंच रहे हैं। ऐसे में प्रभु श्रीराम की ससुराल ‘मिथिला’ से भी अनेकों उपहार अयोध्या लाए गए हैं। सीताजी के मायके जनकपुर नेपाल से भेजी गई भेंट में वस्त्र, फल, मेवा, चांदी के खड़ाऊ और आभूषण हैं। 500 लोगों की यह यात्रा जनकपुर से निकलकर अयोध्या कारसेवकपुरम पहुंची है।
आपको बता दें कि देवी सीता का मायका अयोध्या से 450 KM दूर नेपाल के मिथिला में है। इस यात्रा की शुरुआत जनकपुर धाम के मेयर मनोज कुमार शाह और जानकी मंदिर के महंत रामतपेश्वर दास की अगुआई में हुई है। यह यात्रा नेपाल के पश्चिम चंपारण, कुशीनगर, गोरखपुर होकर अयोध्या पहुंची है। इस यात्रा में शामिल 500 लोग अपने साथ लगभग 5000 उपहार लाए हैं।
बताया जा रहा है कि यह सभी उपहार जनकपुर के घर-घर से लोगों ने इकट्ठा किए हैं। उपहार में फल और पकवान भी शामिल हैं। इनमें से करीब 2 हजार टोकरी अयोध्या के अन्य मंदिरों में विराजमान भगवान सीताराम को भोग के लिए अर्पित किए जाएंगे। जानकारी यह भी है कि सर्दी में कार्यक्रम होने की वजह से गर्म कपड़े के तौर पर रामलला को कोट और ब्लेजर भी भेजा गया है।
दरअसल, जनकपुर में परपंरा है कि बेटी का घर गृहस्थी बसाने के लिए मायके से नेग भेजा जाता है। इस प्राचीन परंपरा और भारत नेपाल के त्रेतायुगीन रिश्तों की डोर को और मजबूत करने के लिए यह उपहार अयोध्या भेजे गए हैं। वहां की इस परंपरा को परिपाटी के नाम से भी जाना जाता है।
गौरतलब है कि मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होनी है। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य यजमान होंगे। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में जिस जल से अभिषेक किया जाएगा, उसमें नेपाल की पवित्र नदियों से लाया गया जल भी शामिल है। नेपाल के भक्तों ने जनकपुर से जल लाकर राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को सौंप दिया है। इस जल को पवित्र यज्ञ शाला में रख दिया गया है।