अमरोहा लोकसभा सीट पर 1984 में कांग्रेस को जीत हासिल हुई थी। उसके बाद से कांग्रेस का खाता नहीं खुल सका है। 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस सपा से गठबंधन में है और अमरोहा सीट एक बार खाते आई है। कांग्रेस इस सीट पर पिछले चालीस साल से खाता खुलने का इंतजार कर रही है। 2019 तक हुए आम चुनावों में कांग्रेस केवल चार बार ही इस सीट पर जीत का स्वाद चख सकी है। 1951, 57 एवं 1962 के चुनाव में कांग्रेस के हिफ्जुर्रहमान ने लगातार जीत दर्ज की।
इसके बाद भी 22 साल तक कांग्रेस का इस सीट पर सूखा रहा। इसके बाद 1984 में कांग्रेस के रामपाल सिंह ने जीत हासिल की। लेकिन इसके बाद कांग्रेस इस सीट पर वोटों के लिए तरसती रही। अब तक कांग्रेस प्रत्याशी इस सीट पर कुछ खास नहीं कर पाए हैं।
2019 के लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा का गठबंधन था। जिसमें बसपा से दानिश अली (Danish Ali) चुनाव मैदान थे। उन्हें गठबंधन का भरपूर फायदा मिला और उन्होंने भाजपा के कंवर सिंह तंवर को हराया था। लेकिन, इस बार उनकी राह बिल्कुल अलग है। सपा और कांग्रेस का साथ इस बार क्या गुल खिलाएगा। यह देखने वाली बात होगी।
वहीं, पिछले दिनों कांग्रेस के प्रदेश सचिव सचिन चौधरी ने प्रेसवार्ता में एलान किया गया कि यदि दानिश अली को पार्टी से टिकट दिया जाता है तो वह उन्हें चुनाव नहीं लड़ाएंगे। ऐसे में अपनों की नाराजगी दूर करना भी उनके लिए आसान नहीं होगा।

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