तमिलनाडु के थूथुकुडी जिले में पुलिस हिरासत में हुई एक मौत के मामले में अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। इस मामले में स्थानीय अदालत ने डीएसपी रैंक के एक अधिकारी समेत 9 पुलिसकर्मियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है और उनके ऊपर जुर्माना भी लगाया है। वहीं अदालत ने 11 आरोपियों में से 2 को सबूतों की कमी के कारण बरी कर दिया है। यह मामला 1999 का है जब थलमुथु नगर पुलिस स्टेशन में एक व्यक्ति सी. विंसेंट की हिरासत में मौत हो गई थी।
क्या था मामला?
17 सितंबर 1999 को सी. विंसेंट नामक व्यक्ति को पूछताछ के लिए थलमुथु नगर पुलिस स्टेशन लाया गया था। तत्कालीन सब इंस्पेक्टर रामकृष्णन ने उसे लॉकअप में रखा। अगले दिन लॉकअप में विंसेंट की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। विंसेंट की पत्नी कृष्णम्मल ने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मियों ने उसके पति को पीट-पीट कर मार डाला। इसके बाद उसने पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई।
पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई
पुलिस ने मामले की जांच की और रामकृष्णन, सोमसुंदरम, जयशेखरन, जोसेफ राज, पिचैया, चेल्लाथुरई, वीरबाहु, शिवसुब्रमण्यम, सुब्बैया, रथिनासामी और बालासुब्रमण्यम समेत कई पुलिसकर्मियों के खिलाफ आरोप लगाए। थूथुकुडी के फर्स्ट एडिशनल सेशन कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई जिसमें जस्टिस एम. थंडावन ने दोषी पाए गए पुलिसकर्मियों को उम्रकैद की सजा सुनाई और उन्हें 10-10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।
कौन हुआ बरी?
अदालत ने रिटायर्ड पुलिसकर्मी रथिनासामी और शिवसुब्रमण्यम को सबूतों की कमी के कारण बरी कर दिया। सजा पाने वाले पुलिसकर्मियों में सोमसुंदरम वर्तमान में भूमि अधिग्रहण रोकथाम विंग में इंस्पेक्टर के पद पर काम कर रहे हैं जबकि पिचैया विशेष उप-निरीक्षक के रूप में कार्यरत हैं। बाकी सभी दोषी पुलिसकर्मी सेवानिवृत्त हो चुके हैं।