केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने प्राग में 27वीं वर्ल्ड रोड कांग्रेस के कार्यक्रम में कहा कि भारत 2027 तक चीन को हराकर दुनिया का नंबर एक ऑटोमोबाइल निर्माता बनने का लक्ष्य रखा है।

अपने संबोधन के दौरान नितिन गडकरी ने कहा कि देश ने अगले 3-4 वर्षों में दुनिया का सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल बाजार बनने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने बताया कि, आने वाले 2-3 महीनों में दिल्ली में एक अर्बन एक्सटेंशन रोड-2 के एक रिंग रोड का उद्घाटन किया जाएगा। इस रोड के शुरू होने के बाद दिल्ली एयरपोर्ट जाने में लगने वाला समय काफी कम हो जाएगा। इससे लोगों को ट्रैफिक से काफी हद तक निजात मिल जाएगी।

इसके अलावा नितिन गडकरी ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार कई गुना बढ़ गया है और नौ साल पहले के 4.5 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 12.5 लाख करोड़ रुपये के आकार तक पहुंच गया है। दरअसल, पिछले साल भारत जापान को पछाड़कर अमेरिका और चीन के बाद दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल बाजार बन गया था।

इस दौरान गडकरी ने यह भी कहा कि, भारत ने अगले 3 से 4 वर्षों में दुनिया का नंबर एक ऑटोमोबाइल विनिर्माण केंद्र बनने का लक्ष्य रखा है। ऑटोमोबाइल उद्योग ने देश के 4.5 करोड़ लोगों को नौकरियां दी हैं। नितिन गडकरी ने धीरे-धीरे डीजल और पेट्रोल के इस्तेमाल से दूर जाने की सरकार की रणनीति के बारे में भी बताया।

उन्होंने कहा कि, भारत में अपने मजबूत इंजीनियरिंग प्रतिभा पूल, कम श्रम लागत और अनुकूल सरकारी नीतियों के कारण दुनिया का अग्रणी ऑटोमोबाइल निर्माता बनने की क्षमता है।हाल ही में वैश्विक इलेक्ट्रिक वाहन मार्के टेस्ला ने भारत में निवेश का ऐलान किया है। दूसरी ओर, चीनी ईवी दिग्गज BYD ने भारत में 1 बिलियन की फैसल्टी स्थापित करने का प्रस्ताव रखा है। हालाँकि, दोनों देशों के बीच सीमा तनाव के कारण भारत सरकार ने अनुरोध को अस्वीकार कर दिया था।

 

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