लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) में बड़े बदलाव हो सकते हैं। इसका मकसद पार्टी को फिर से मजबूत करना और आने वाले चुनाव में बीजेपी को कड़ी टक्कर देना है। अभी सीडब्ल्यूसी में 25 स्थायी सदस्य हैं।

दरअसल इस साल फरवरी में जब छत्तीसगढ़ के रायपुर में कांग्रेस का सत्र हुआ था, तो पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को चुनाव करवाने के बजाय सीडब्ल्यूसी में सदस्यों को नामित करने के लिए अधिकृत किया गया।

इसके अलावा पार्टी ने अपनी कार्यसमिति में अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), महिलाओं, युवाओं और अल्पसंख्यकों को 50 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने के लिए अपने संविधान में संशोधन किया। साथ ही सीडब्ल्यूसी सदस्यों की संख्या भी 25 से बढ़ाकर 35 कर दी।

पार्टी के कई नेताओं का मानना है कि दशकों पुरानी पार्टी में जान फूंकने के लिए नए प्रतिभाओं को लाना जरूरी है। सूत्रों के मुताबिक रमेश चेन्निथला, राज्यसभा सांसद रंजीत रंजन, पूर्व दलित कांग्रेस प्रमुख नितिन राउत, कर्नाटक के वरिष्ठ नेता बीके हरिप्रसाद, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण और पूर्व कैबिनेट मंत्री सुबोदकांत सहाय जैसे नेताओं का नाम सीडब्ल्यूसी के लिए सबसे आगे है।

इंडिया टुडे ने सूत्रों के हवाले से बताया कि महासचिव अविनाश पांडे, पंजाब के प्रभारी हरीश चौधरी, महाराष्ट्र के प्रभारी एचके पाटिल, बिहार के प्रभारी भक्त चरण दास और केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी को सीडब्ल्यूसी से हटाया जा सकता है।

खास बात ये है कि अब इसमें देश के पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष भी सीडब्ल्यूसी में शामिल होंगे। पार्टी ने इसके लिए अपने संविधान में संशोधन कर दिया था। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही कि राहुल गांधी और सोनिया गांधी भी सीडब्ल्यूसी का हिस्सा होंगे।

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