रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया की ओर से 2000 रुपये के नोटों को चलन से बाहर कर दिया गया है। इसके साथ ही इनको बैंकों में जमा करवाने का आदेश दे दिया गया है। इस फैसले को लेकर कई विपक्षी दल केंद्र् सरकार पर निशाना साधा है। 2000 रुपये के नोट बंद होने पर RBI गवर्नर शक्तिकांत दास की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। शक्तिकांत दास ने सोमवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैं स्पष्ट करता हूं और फिर से जोर देता हूं कि यह रिजर्व बैंक के मुद्रा प्रबंधन संचालन का एक हिस्सा है।

RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने मीडिया से कहा कि लंबे समय से, रिजर्व बैंक एक स्वच्छ नोट नीति का पालन कर रहा है। समय-समय पर आरबीआई एक विशेष श्रृंखला के नोटों को वापस लेता है और नए नोट जारी करता है। उन्होंने आगे कहा कि हम 2000 रुपये के नोटों को संचलन से वापस ले रहे हैं लेकिन वे कानूनी निविदा के रूप में जारी हैं।



आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि 30 सितंबर (नोटों के आदान-प्रदान के लिए) तक का समय दिया जाता है ताकि इसे गंभीरता से लिया जा सके, अन्यथा यदि आप इसे खुला छोड़ देते हैं, तो यह एक अंतहीन प्रक्रिया बन जाती है। उन्होंने कहा कि 2000 के नोट बदलने की सुविधा सामान्य रहेगी। 2000 का नोट बदलने के लिए चार महीने का समय दिया गया है। बैंकों में पूरी तैयारी की गई है।

शक्तिकांत दास का कहना है कि 2000 का नोट लाने के कई कारण थे। यह कदम पॉलिसी के तहत कदम उठाया गया था। पुराने नोट बदलने के लिए लगाई पाबंदी को लोग गंभीरता से लेंगे तो अच्छा रहेगा। बैंकों को नोट बदलने का डेटा तैयार करना होगा। इसके साथ ही 2000 के नोट का ब्योरा रखना होगा।

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