दरअसल, सपा महासचिव शिवपाल सिंह यादव ने एक वीडियो ट्वीट किया है। इसमें इटावा में 30 योजनाओं के लोकार्पण के दौरान योगी सरकार के मंत्री जितिन प्रसाद ने भाजपा सांसद रमाशंकर कठेरिया से पूछा कि 20 करोड़ में कितने जीरो होते हैं? इसपर सांसद सही जवाब नहीं दे पाए। सपा और कांग्रेस ने इसको उछालते हुए सांसद को निशाने पर लिया है। कभी भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार के जीरो में फंसे थे। अब योगी सरकार में मंत्री जितिन प्रसाद के जीरों के चक्कर में भाजपा के ही सांसद रमाशंकर कठेरिया फंस गए।
इटावा क्लब परिसर में भाजपा ने 30 योजनाओं के लोकार्पण का कार्यक्रम रखा था। लोक निर्माण विभाग के कैबिनेट मंत्री जितिन प्रसाद बतौर मुख्य अतिथि इसमें पहुंचे थे। अपने संबोधन के दौरान ही जितिन प्रसाद ने एक सड़क की लागत 20 करोड़ बताते हुए चुटकी ले ली। उन्होंने सांसद रामशंकर कठेरिया की तरफ इशारा करते हुए कहा कि यदि वह बता दें कि 20 करोड़ में कितने जीरो होते हैं तो फिर हम 200 करोड़ की लागत की सड़कों की योजनाएं दे देंगे। मंच पर ही खड़े होकर कठेरिया ने जीरो की संख्या छह बताई। इसका वीडियो तेजी से वायरल हो गया। कांग्रेस और सपा महासचिव शिवपाल यादव ने भी सांसद के गणित ज्ञान पर तंज कसते हुए निशाना साध दिया है।

कठेरिया का जवाब सुनकर वहां मौजूद लोगों ने जोरदार ठहाका लगा दिया। खुद जितिन प्रसाद भी हंस पड़े। इसका वीडियो वायरल हुआ तो विपक्षी दलों ने मौका जाने नहीं दिया। अपने इलाके में सांसद के ज्ञान पर सपा नेता शिवपाल यादव ने भी उन्हें घेर लिया। शिवपाल ने ट्वीट कर लिखा कि माननीय इटावा सांसद जी का गणित भी गड़बड़झाले का शिकार है। वैसे दानवीर नजर आ रहे लोक निर्माण मंत्री जी विधानसभा सत्र में सम्बंधित विभाग पर आर्थिक चर्चा से भागते रहे। जब पूरे कुएं में भांग पड़ी हो तो गणित, रसायन, अर्थशास्त्र और इतिहास ही नहीं वर्तमान पर भी संकट गहरा जाता है।

कांग्रेस ने भी वीडियो को ट्वीट किया और दोनों के बीच हुए सवाल जवाब को इस तरह से लिखा…. मंत्री जितिन प्रसाद :- सांसद जी अगर बता दें कि 20 करोड़ में कितने ज़ीरो होते हैं तो मैं 200 करोड़ का बनवा दूंगा। सांसद रामाशंकर कठेरिया :- 6, 6, 6। आगे लिखा कि वाह रे मंत्री जी! वाह रे सांसद जी! क्या अद्भुत संवाद, क्या अद्भुत ज्ञान…वैसे, मानने वाली बात तो यह है मिनिस्टर साहब को मंत्री के गणित की पूरी जानकारी थी। अब बाहर ये भाजपा वाले खुद को चाहे जितना पढ़ा-लिखा बता लें, अंदर तो बात छुपने से रही।

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