लोकसभा चुनाव होने में अभी एक साल का समय है लेकिन यूपी की राजनीति पिछले कुछ दिनों में गरमा गई हैं। बीजेपी और सपा अपने वोट बैंक के किले को मजबूत करने में जुटी हुई है। बीजेपी पसमांदा मुसलामनों को अपने पाले में लाने के लिए काम कर रही है तो वहीं सपा की नजर बीजेपी और बीएसपी के वोटरों पर हैं।
सपा आज यानी 5 अप्रैल को प्रदेश भर में महर्षि कश्यप और निषादराज की जयंती मना रही है। सपा का मकसद बीजेपी और बीएसपी के वोटरों में सेंध मारना है। सपा आरोप लगाती है कि बीजेपी इन जातियों की दुश्मन है तो वहीं बीजेपी का कहना है कि सपा समाज को गुमराह करने का काम कर रही है।
दरअसल उत्तर प्रदेश में 17 मोस्टबैकवर्ड जातियों के लिए राजनीति होती रहती है। सभी राजनीतिक पार्टी इन अपनी हितैषी बताती रही है। इन सभी जातियों को शेड्यूल कास्ट में दर्ज किए जाने की बात की जाती रही है। इस जातियों में राजभर, निषाद ,कश्यप, मल्हा ,कुम्हार, केवट, बिंद आदि 17 जातीय शामिल है।
ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष राजपाल कश्यप के निर्देश पर सपा ने आज पूरे प्रदेश में महर्षि कश्यप और निषादराज भगवान की जयंती मनाई। इस दौरान पूरे प्रदेश में सपा दफ्तरों में जयंती आयोजन आयोजित किया गया। इस दौरान राजपाल कश्यप ने भाजपा सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने निषादराज और महर्षि कश्यप की जयंती पर दिए जाने वाला अवकाश को भी खत्म कर दिया है। मगर ऐसी जातियों के साथ समाजवादी पार्टी खड़ी है।
सपा के इस हमले पर बीजेपी ने पलटवार किया। कैबिनेट मंत्री और निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने सपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जब अखिलेश यादव सत्ता में थे तब उन्होंने निषाद समाज के लिए काम क्यों नहीं किया। अब जब सत्ता से बाहर हो गए तो अब भगवान निषाद की जयंती मना रहे हैं। निषाद समाज लिए आरक्षण की बात कर रहे हैं। अखिलेश यादव निषाद समाज को गुमराह कर रहे हैं।

संजय निषाद ने कहा कि निषाद समाज के लिए जितना काम बीजेपी ने किया है। उतना काम किसी ने नहीं किया है। हमारी सरकार निषाद समाज को आरक्षण देने जा रही है। इतना ही नहीं बीजेपी सरकार भगवान निषाद की मूर्ति और बहुत बड़ा मंदिर बनवा रही है।

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