चंडीगढ़ पुलिस ने लगभग 14 साल पुराने एम.बी.ए. छात्रा नेहा अहलावत की रेप के बाद हत्या समेत दो मामलों में आरोपी को पकड़कर बड़ी सफलता हासिल की है। आरोपी की पहचान सैक्टर-38 स्थित शाहपुर कालोनी निवासी 37 वर्षीय मोनू कुमार के रूप में हुई, जो मूल रूप से उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। मलोया थाना पुलिस ने आरोपी को जिला अदालत में पेश किया, जहां से दो दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया।
पुलिस ने लगभग दो साल पुराने 40 वर्षीय महिला की रेप के बाद हत्या मामले में आरोपी को बुधवार रात सैक्टर-38 से गिरफ्तार किया था। पुलिस जांच में 40 वर्षीय महिला और एम. बी. ए. छात्रा नेहा से रेप कर हत्या का मामला एक जैसा लग रहा था। डी.एन.ए. रिपोर्ट से खुलासा हुआ कि दोनों मामलों में आरोपी एक ही है। एस. एस. पी. कंवरदीप कौर ने बताया कि मलोया निवासी 40 वर्षीय मनदीप 11 जनवरी, 2022 को स्नेहालय के पास झाड़ियों में नग्न अवस्था में मिली था। मुंह में जुराब ठूसकर दुष्कर्म के बाद हत्या की गई थी। पति की -शिकायत पर रेप व हत्या की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। एस. एस. पी. ने 20 जून, 2023 को विषेष टीमें बनाई थीं। एम. बी. ए. छात्रा और मलोया की महिला केस की जांच करने वाले अधिकारियों को बुलाया था।
पुलिस जांच में सामने आया कि दोनों मामलों में आरोपी की हाइट पांच फुट सात इंच से लेकर 9 फुट के बीच थी। उम्र 30 से चालीस के बीच और सिर पर सारे बाल होंगे। मलोया थाना पुलिस ने जुलाई, 2023 में 3 आरोपियों के डी. एन. ए. सैम्पल सी.एफ. एस. एल. जांच के लिए भेजे थे, जिनकी जांच सी.एफ.एस.एल. विशेषज्ञ सुनीता ने की। सात महीने बाद मलोया में महिला से रेप कर हत्या वाली जगह से लिया सैम्पल मोनू के डी. एन.ए. से मैच कर गया। थाना पुलिस ने पता किया तो मोनू टैक्सी लेकर अमृतसर गया हुआ था। पुलिस के बुलाने पर मोनू ने कहा कि दिल्ली जा रहा है। पुलिस ने फोन ट्रेस किया और चंडीगढ़ आते ही दबोच लिया। पूछताछ में आरोपी ने कबूल किया कि मलोया निवासी महिला की हत्या की वारदात को उसने अंजाम दिया था।
देर से ही सही, लेकिन बेटी को इंसाफ मिल गया। हत्यारे को फांसी होनी चाहिए। ऐसे दरिंदे को जीने को कोई अधिकार नहीं है। मृतक छात्रा की मां ने रोते हुए कहा कि पहले पुलिस ने ढीली जांच की थी, लेकिन एस.एस.पी. कंवरदीप कौर ने 14 साल बाद बेटी के हत्यारे को पकड़कर इंसाफ दिलाया है। पिता ने कहा कि बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए 14 साल से धक्के खा रहे हैं। उन्होंने एस.एस.पी. समेत पुलिस टीम का तहे दिल से धन्यवाद किया।
एस.एस.पी. ने बताया कि नेहा रेप और हत्या केस में भी मोनू का डी.एन.ए. मैच हुआ। पूछताछ में कबूल किया कि उसने ही वारदात को अंजाम दिया था।घटना वाले दिन नेहा सैक्टर- 38 टैक्सी स्टैंड के बाहर खड़ी फोन सुन रही थी। रात को छात्रा को अकेला देख पत्थर उठाकर सिर के पीछे मार दिया और वह लहूलुहान होकर गिर गई। इसके बाद आरोपी झाड़ियों में ले गया और वारदात को अंजाम देकर लातें मार हत्या कर फरार हो गया था। नेहा का मोबाइल फोन कालोनी नंबर चार निवासी व्यक्ति को बेचा था। हालांकि पुलिस ने मोनू का स्कैच भी बनवाया था, लेकिन पुलिस से बच गया था। एस.एस.पी. ने बताया कि केस सुलझाने के लिए डी.एस.पी. चरण जीत, थाना प्रभारी जसपाल, सब इंस्पैक्टर मोहन कश्यप, कांस्टेबल सुनील और विकास को सम्मानित किया जाएगा।