13 वर्षीय छात्र अंगद ने 19,024 फीट की ऊंचाई पर सर्वाइबल व सैन्य ट्रैनिंग करके नेशनल रिकार्ड बनाया है। अंगद ने लद्दाख में विश्व के सबसे ऊंचे उमालिंगला क्षेत्र पर 19024 फीट पर सर्वाइबल व सैन्य ट्रैनिंग की है।

इण्डिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड ने अंगद को यह राष्ट्रीय खिताब दिया है। इंडिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड के मुताबिक यह बालक देश में सबसे कम उम्र का बच्चा है जिसने 19024 फीट (उमालिंग- ला दरी) की ऊंचाई पर रहकर बेहद कठिन ट्रेनिंग की है। विशेषज्ञों के मुताबिक भारत का उमालिंगला पास, हिमालय की कई ऊंची चोटियों के बेस कैम्प से भी अधिक ऊंचाई पर है। इसकी ऊंचाई 19024 फीट है।

ऐसे स्थान पर ऑक्सीजन न के बराबर होती है और जरा सोचिए कैसे एक 13 वर्षीय बालक वहां रहकर 7 दिवसीय कठिन ट्रेनिंग करता है। अंगद के ट्रेनर्स का मानना है कि अपने माउंटेनियरिंग के कठोर कार्य से रोंगटे खड़े कर देने वाले 13 वर्षीय अंगद भारद्वाज ने भारत – चाइना बॉर्डर पर देश का मान बढ़ाया है। जिस ऊंचाई (19024 फीट) पर हवा भी ना पहुंचे, वहां अंगद ने पहुंच कर सबसे कम उम्र में सर्वाइवल ट्रेनिंग करके एक बेहद मुश्किल रिकॉर्ड इंडिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड में दर्ज किया है।

अंगद ने यह 7 दिवसीय ट्रेनिंग बॉर्डर रोड संस्थान के साथ की है। अंगद ने विषम परिस्थितियों व माइनस तापमान में बेहद कठोर ट्रेनिंग – रक्षा मंत्रालय के सीमा सड़क संगठन के साथ की तथा इंडिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड में नया कीर्तिमान स्थापित किया।

अंगद के पिता डॉ. प्रदीप भारद्वाज ने बताया की अंगद जोखिम भरी यात्राओं जैसे अमरनाथ, केदारनाथ में अपनी गर्मी की छुट्टियों में सामाजिक सेवा व पहाड़ के यात्रियों के लिए गाइड का भी कार्य करता है। अंगद को भारतीय वायु सेना, आईटीबीपी द्वारा पर्वतारोहण में प्रतिक्षण प्राप्त है।

अंगद की माता डॉ. अनीता भारद्वाज ने बताया कि अंगद का राष्ट्रीय रिकार्ड बनाना उनके सारे परिवार के लिए गर्व की बात है। चीन सीमा के पास – मास्टर अंगद ने जमकर – हिन्दुस्तान – जिंदाबाद और भारत माता के जयकारे लगाए। वह भविष्य में भारतीय सेना में अधिकारी बनने का सपना देखता है।

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