मोदी सरकार ने शनिवार को ई-कॉमर्स कंपनियों को बड़ा आदेश जारी किया है। उन्होंने बोर्नविटा समेत कई ड्रिंक्स को हेल्थ ड्रिंक्स की श्रेणी से हटाने को कहा है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने सभी ई-कॉमर्स कंपनियों से अपनी साइट और प्लेटफॉर्म से बोर्नविटा समेत सभी पेय पदार्थों को ‘हेल्थ ड्रिंक’ की कैटेगरी से हटाने को कहा है।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के निष्कर्ष के बाद मोदी सरकार ने यह फैसला लिया है। आयोग ने जांच में निष्कर्ष निकाला कि खाद्य सुरक्षा-मानक अधिनियम 2006 और इसके नियमों के तहत कोई हेल्थ ड्रिंक्स परिभाषित नहीं है। जारी अधिसूचना में वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने कहा कि सभी ई-कॉमर्स साइट और प्लेटफॉर्म को निर्देश दिया जा रहा है कि वे बोर्नविटा समेत सभी पेय पदार्थ को हेल्थ ड्रिंग्स से हटा दें।
बता दें कि इस महीने की शुरुआत यानी दो अप्रैल को FSSAI ने सभी ई-कॉमर्स कंपनियों को डेयरी, अनाज या माल्ट बेस्ड पेय पदार्थों को हेल्थ ड्रिंक्स या ‘एनर्जी ड्रिंक्स’ के रूप में लेबल नहीं करने का निर्देश दिया था। हेल्थ ड्रिंक्स शब्द को देश के खाद्य कानूनों में परिभाषित नहीं किया गया है।
एफएसएसएआई ने स्पष्ट किया है कि हेल्थ ड्रिंक्स शब्द एफएसएस अधिनियम 2006 या उसके तहत बनाए गए नियमों और विनियमों के तहत कहीं भी परिभाषित या मानकीकृत नहीं है। इसलिए, एफएसएसएआई ने सभी ई-कॉमर्स कंपनियों को सलाह दी है कि वे अपनी वेबसाइटों पर ऐसे पेय पदार्थों को ‘हेल्थ ड्रिंक या एनर्जी ड्रिंक’ की श्रेणी से हटा दें।
बयान में आगे उन्होंने कहा कि इस कार्रवाई का उद्देश्य उत्पादों की प्रकृति और कार्यात्मक गुणों के बारे में स्पष्टता और पारदर्शिता बढ़ाना है। यह सुनिश्चित करना है कि उपभोक्ता भ्रामक जानकारी का सामना किए बिना अच्छी तरह से विकल्प चुन सकें।