अमेरिका और 12 सहयोगी देशों ने बुधवार को हूती विद्रोहियों को चेतावनी देते हुए कहा कि वे लाल सागर में जहाजों पर हमले बंद करें अन्यथा संभावित सैन्य कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार रहें।
गाजा में 19 दिसंबर से इजराइल-हमास युद्ध के जवाब में यमन के आतंकवादियों ने कम से कम 23 हमले किए हैं।
अमेरिका में राष्ट्रपति जो बाइडन प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने हमले जारी रहने पर संभावित भागीदारी के नियमों के बारे में विस्तृत जानकारी देने से इनकार कर दिया, लेकिन इस बात पर जोर दिया कि ईरान समर्थित हूतियों को अमेरिका और उसके सहयोगियों से ‘‘एक और चेतावनी की उम्मीद नहीं करनी चाहिए’’।
सहयोगी देशों की ओर से बुधवार को हमलों की निंदा करते हुये जारी किये गये एक संयुक्त बयान के तुरंत बाद व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर इस बारे में जानकारी दी।
बयान पर अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, बेल्जियम, कनाडा, डेनमार्क, जर्मनी, इटली, जापान, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, सिंगापुर और ब्रिटेन ने हस्ताक्षर किए।
देशों ने कहा, ‘‘अब हमारा संदेश स्पष्ट होना चाहिए। हम इन हमलों को तत्काल समाप्त करने और गैरकानूनी रूप से हिरासत में लिए गए जहाजों और चालक दल को रिहा करने का आह्वान करते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर हूती जीवन, वैश्विक अर्थव्यवस्था और क्षेत्र के महत्वपूर्ण जलमार्गों में वाणिज्य के मुक्त प्रवाह को खतरे में डालना जारी रखते हैं तो परिणाम भुगतने के लिए खुद जिम्मेदार होंगे।’’
हाल के हफ्तों में हूतियों ने लाल सागर में उन जहाजों पर हमलों का दावा किया है जिनके बारे में उनका कहना है कि वे या तो इज़राइल से जुड़े हैं या इजराइली बंदरगाहों की ओर जा रहे थे।
हूतियों का कहना है कि उनके हमलों का उद्देश्य गाजा पट्टी में इजराइली हवाई और जमीनी हमले को खत्म करना है, जो दक्षिणी इजराइल में सात अक्टूबर को फलस्तीनी चरमपंथी समूह हमास के हमले के बाद शुरू हुआ था।