उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री रघुराज सिंह के हालिया बयान ने सियासी हलकों में हलचल मचा दी है। उन्होंने मुस्लिम समुदाय के पुरुषों को सलाह देते हुए कहा कि यदि वे होली के रंगों से बचना चाहते हैं तो महिलाओं की तरह हिजाब पहनकर घर से निकलें। उनका यह बयान विवाद का विषय बन गया है और इसे लेकर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।

मंत्री रघुराज सिंह ने क्या कहा?

अलीगढ़ में मीडिया से बातचीत के दौरान मंत्री रघुराज सिंह ने कहा कि अगर मुस्लिम पुरुषों को होली पर रंगों से परहेज है और वे जुमे की नमाज के लिए घर से बाहर निकलना चाहते हैं तो उनके पास दो ही विकल्प हैं – या तो वे घर पर ही नमाज अदा करें या फिर महिलाओं की तरह हिजाब पहनकर बाहर निकलें। उन्होंने यह भी कहा कि होली के दिन मस्जिदों को तिरपाल से ढक दिया जाता है, जिससे वे रंगों से सुरक्षित रह सकें। इसी तरह मुस्लिम पुरुष भी खुद को हिजाब से ढक सकते हैं ताकि उनके सफेद कपड़ों पर रंग न लगे। मंत्री ने अपने बयान में आगे कहा कि होली खेलने वालों को यह अंदाजा नहीं होता कि रंग उड़कर कहां गिरेगा। उन्होंने होली के त्योहार में बाधा डालने वालों के लिए कड़े शब्दों में कहा कि ऐसे लोग या तो प्रदेश छोड़ दें, या फिर जेल जाने के लिए तैयार रहें या यमराज से मिलने की तैयारी कर लें। उनके इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में बहस छिड़ गई है।

संभल में CO अनुज चौधरी का बयान भी चर्चा में

इससे पहले, संभल जिले के पुलिस अधिकारी (CO) अनुज चौधरी ने भी इसी मुद्दे पर बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि शुक्रवार हर साल 50 बार आता है, लेकिन होली साल में सिर्फ एक बार आती है। ऐसे में मुस्लिम समुदाय के लोग यदि रंगों से बचना चाहते हैं तो वे घर पर ही नमाज अदा करें। उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना काल में जब लॉकडाउन था, तब भी लोग घर में नमाज पढ़ रहे थे। इसलिए होली के दिन भी ऐसा किया जा सकता है।

राजनीतिक विवाद और प्रतिक्रियाएं

मंत्री रघुराज सिंह के इस बयान पर विपक्षी दलों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। कई नेताओं ने इसे सांप्रदायिक बयान बताते हुए सरकार पर निशाना साधा है। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि इस तरह के बयान समाज में नफरत फैलाने का काम करते हैं और इससे धार्मिक सौहार्द बिगड़ सकता है। हालांकि, भाजपा के कुछ नेताओं ने मंत्री के बयान का समर्थन किया और कहा कि यह बयान किसी धर्म विशेष के खिलाफ नहीं बल्कि सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए दिया गया है।

मुस्लिम समुदाय में नाराजगी

मुस्लिम संगठनों और नेताओं ने मंत्री के बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने इसे समुदाय की धार्मिक स्वतंत्रता में दखल बताया और कहा कि सरकार को इस तरह की टिप्पणी करने वाले नेताओं पर कार्रवाई करनी चाहिए। कई मुस्लिम संगठनों ने मांग की कि होली और जुमे की नमाज को लेकर किसी भी तरह की जबरदस्ती नहीं होनी चाहिए और सभी को अपने धार्मिक रीति-रिवाजों का पालन करने की स्वतंत्रता होनी चाहिए।

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