यूपी के बरेली जिले में छात्रा की मौत के बाद 12 घंटे तक मामला बरेली व शाहजहांपुर पुलिस के बीच फंसा रहा। रात में हिंदूवादी संगठनों ने छात्रा का शव थाने के बाहर रखकर हंगामा किया तब पुलिस मुकदमा दर्ज करने के लिए तैयार हुई।

 

छात्रा लक्ष्मी की मौत के तीन घंटे बाद मीरानपुर कटरा पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए शाहजहांपुर भेज दिया, पर मुकदमा दर्ज करने के लिए तैयार नहीं हुई। शाम सात बजे पोस्टमार्टम होने के बाद छात्रा का शव लेकर परिजन फतेहगंज पूर्वी थाने पहुंचे। यहां शव थाने के बाहर गाड़ी में रखा रहा। इसी दौरान करणी सेना के जिलाध्यक्ष कुंवर दीपक ठाकुर, गोरक्षा संघ के विनोद राठौर, राष्ट्रीय हिंदू महासभा के मंडल अध्यक्ष सत्यप्रिय शर्मा आदि लोग थाने पहुंचे। यहां जमकर नारेबाजी की। हिंदूवादी संगठनों के पदाधिकारियों का कहना था कि छात्रा की हत्या की गई है। हंगामा बढ़ता देख सीओ फरीदपुर गौरव सिंह भी आ गए। बातचीत के बाद रात 10 बजे पुलिस फतेहगंज पूर्वी थाने में छात्रा की हत्या का मुकदमा दर्ज करने के लिए तैयार हो गई। इसके बाद छात्रा की मां की तरफ से हत्या की तहरीर दी गई। जिसके बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है।इस घटना को लेकर छात्रा की मां ने कहा है कि कॉलेज जाते समय आरोपी फरियाद ने उनकी बेटी को रोक लिया और धमकी देकर अपने साथ बाइक पर बैठाकर चला गया। फरियाद ने उनकी बेटी के साथ दुष्कर्म के बाद चलती ट्रेन के आगे फेंक दिया। इससे उनकी बेटी की मौत हो गई। मृतक छात्रा की मां के मुताबिक, घटना के बाद पुलिस ने मामले में शिकायत दर्ज नहीं की। पुलिस की टीम काफी देर तक सीमा विवाद में उलझी रही। इस दौरान कई हिंदू संगठनों और मृतका की मां ने मृतका के शव को पुलिस स्टेशन के बाहर रखकर काफी देर तक हंगामा किया। इसके अलावा स्थानीय लोगों ने पुलिस पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है।

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