जयपुर। पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार के भ्रष्टाचार के मामलों की जांच की मांग को लेकर पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट आज अपने हजारों समर्थकों के साथ अनशन पर बैठेंगे। पार्टी हाईकमान की सख्ती के बावजूद भी सचिन पायलट अनशन पर अड़े हुए हैं। सुबह 11 बजे से अनशन शहीद स्मारक पर शुरू होगा और शाम 4 बजे तक चलेगा। इधर सचिन पायलट के अनशन में शामिल होने के लिए दौसा, सवाई माधोपुर, करौली, टोंक, अजमेर, कोटा, जयपुर ग्रामीण और कई अन्य जिलों से समर्थक जयपुर पहुंचना शुरू हो गए हैं।

बताया जा रहा है कि तकरीबन 5 हजार से ज्यादा समर्थक इस अनशन में शामिल होंगे। अनशन में शामिल होने के लिए पिछले 2 दिन से लगातार सोशल मीडिया पर कैंपेन चल रहा है। हालांकि बताया जा रहा है कि सचिन पायलट समर्थक विधायक इस अनशन में शामिल नहीं होंगे लेकिन उन्होंने अपने समर्थकों को अनशन में शामिल होने के लिए भेजा है।

इधर अनशन में शामिल होने वाले नेताओं और कार्यकर्ताओं पर पार्टी हाईकमान और प्रदेश में नेतृत्व की नजर रहेगी। माना जा रहा है कि अगर पार्टी के कार्यकर्ता और नेता इस अनशन में शामिल होते हैं तो फिर उनके खिलाफ कोई कड़ा एक्शन देखने को मिल सकता है। इससे पहले कैबिनेट मंत्री रामलाल जाट ने भी कार्यकर्ताओं से अपील की थी कि अनशन में शामिल नहीं हों।

प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा आज दोपहर तक जयपुर पहुंचेंगे। इसके बाद रंधावा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ बैठक करेंगे और माना जा रहा है कि वह पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के साथ भी बातचीत कर सकते हैं। इससे पहले रंधावा सचिन पायलट से अपील भी कर चुके हैं कि वो अपनी मांगों को पार्टी फोरम पर कर रखें।

इससे पहले प्रदेश प्रभारी सुखविंदर सिंह रंधावा ने देर रात एक ऑफिशियल बयान जारी करके कहा कि सचिन पायलट का दिन भर का उपवास पार्टी खिलाफ है और पार्टी विरोधी गतिविधि है। अगर उनकी अपनी सरकार से कोई समस्या है तो मीडिया और जनता की बजाए पार्टी मंच पर चर्चा की जा सकती है।

मैं पिछले 5 महीनों से एआईसीसी प्रभारी हूं और पायलट ने इस मुद्दे पर कभी भी चर्चा नहीं की है। मैं उनके साथ संपर्क में हूं और मैं अभी भी शांत बातचीत की अपील करता हूं क्योंकि सचिन पायलट कांग्रेस पार्टी के लिए एसेट हैं।

गौरतलब है कि पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अपनी ही सरकार पर पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार में हुए घोटालों की जांच नहीं करने के आरोप लगाए थे। सचिन पायलट ने कहा था कि विपक्ष में रहते हमने वसुंधरा सरकार के घोटालों को उजागर किया था और जनता से वादा किया था कि सत्ता में आए तो इस मामले की जांच करवाएंगे लेकिन साढ़े 4 साल बीतने के बावजूद भी वसुंधरा सरकार के भ्रष्टाचार की जांच नहीं हुई, इसीलिए वो 11 अप्रेल को अनशन पर बैठेंगे।

वहीं पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट करीब ढाई साल से पार्टी में किसी पद पर नहीं हैं। पायलट केवल टोंक से विधायक हैं। जुलाई 2020 में सचिन पायलट अपने समर्थक विधायकों के साथ मानेसर चले गए थे जिसके बाद पार्टी हाईकमान ने सचिन पायलट को प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष पद और डिप्टी सीएम के पद से बर्खास्त कर दिया था।

हालांकि उसके बाद वो वापस पार्टी में आ गए थे। ढाई साल से किसी पद पर नहीं होने के बावजूद भी सचिन पायलट पार्टी के स्टार प्रचारक में शामिल रहे हैं। उत्तर प्रदेश, गोवा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में सचिन पायलट ने स्टार प्रचारक की भूमिका निभाई थी और पार्टी के पक्ष में जमकर प्रचार किया था।

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