गोरखपुर। गोरखपुर के बड़हलगंज के टाड़ा गांव निवासी हरिशंकर तिवारी ने वर्ष 1985 में जेल में बंद रहते हुए चिल्लूपार चुनाव विधानसभा से चुनाव लड़ा और जीत गए। इसके बाद उन्होंने उत्तर प्रदेश की राजनीति में मजबूत पकड़ बना ली। उन्हें पूर्वांचल की बाहुबली राजनीति का ‘पंडित’ माना जाने लगा। देखते ही देखते बुलेट और बैलेट दोनों पर उनकी ऐसी धाक जमी कि हरिशंकर तिवारी लगातार छह बार विधायकी का चुनाव जीतते चले गए। वर्ष 1997 में मंत्री बने और फिर हर सरकार की जरूरत बन गए।