हरियाणा में कांग्रेस और बीजेपी के बीच मुकाबला है। ये तो पूरी तरह साफ हो चुका है। इस बार हरियाणा में सीधी जंग कांग्रेस और बीजेपी की है। इन नतीजों से साफ है कि निर्दलीय इस बार किंगमेकर नहीं बनेंगे।
भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) के आंकड़ों के अनुसार, हरियाणा में शुरुआती रुझानों में कड़ी टक्कर के बाद भाजपा आगे चल रही है। आम आदमी पार्टी और बीजेपी की पूर्व सहयोगी जेजेपी का खाता भी नहीं खुल रहा है। ये दोनों पार्टियां हरियाणा से पूरी तरह साफ होती नजर आ रही है।
बता दें कि जनता पार्टी (जेजेपी) को एक भी सीट नहीं मिल रही है। जेजेपी के सबसे बड़े नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला बुरी तरह हार रहे हैं। दुष्यंत चौटाला जींद जिले की उचाना कलां सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। उनके भाई और पार्टी के प्रधान महासचिव दिग्विजय चौटाला भी सिरसा जिले की डबवाली विधानसभा सीट से चुनाव हारते दिख रहे हैं।
जेजेपी ने हरियाणा के विधानसभा चुनाव में इस बार सांसद चंद्रशेखर आजाद की आसपा (कांशीराम) के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। जेजेपी ने 70 और आसपा (कांशीराम) ने 20 सीट पर चुनाव लड़ा था।
जेजेपी ने 2019 में जब पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ा तो 10 सीटों पर जीत हासिल की थी। निश्चित रूप से यह हरियाणा में उसके लिए बहुत बड़ी कामयाबी थी। इसके पीछे दुष्यंत चौटाला को बड़ी वजह माना गया था। 2019 के चुनाव नतीजों के बाद जेजेपी ने खट्टर सरकार को समर्थन दिया और बीजेपी के साथ मिलकर सरकार चलाई थी। यह सरकार साढ़े चार साल तक चली और इस साल मार्च में बीजेपी और जेजेपी के रास्ते अलग-अलग हो गए।
जेजेपी के प्रदर्शन को देखकर यह कहा जा सकता है कि जेजेपी को किसानों का विरोध भारी पड़ा है। जेजेपी के नेताओं को किसान आंदोलन के दौरान बीजेपी के साथ खड़े रहने की वजह से जबरदस्त विरोध झेलना पड़ा था। लोकसभा चुनाव के दौरान जब दुष्यंत चौटाला की मां और विधायक नैना चौटाला जेजेपी के टिकट पर हिसार से चुनाव लड़ रही थीं तब उन्हें किसानों के जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ा था।
दिल्ली और पंजाब में सरकार चला रही अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने हरियाणा में भी बड़ा दांव खेला था और 90 में से 88 सीटों पर चुनाव लड़ा था लेकिन लगता है कि हरियाणा के लोगों को आप रास नहीं आ रही हैबता दें कि विधानसभा चुनाव में मतदान के बाद आए एग्जिट पोल में भी आम आदमी पार्टी को भारी झटका लगा था। किसी भी एग्जिट पोल में आम आदमी पार्टी को एक भी सीट मिलने का जिक्र नहीं किया गया था। ऐसे में साफ है कि हरियाणा में आम आदमी पार्टी को कोई नामलेवा नहीं है।