हरियाणा के मुख्य चुनाव अधिकारी पंकज अग्रवाल ने सोमवार को कहा कि राज्य सरकार डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह की पैरोल पर फैसला ले सकती है, बशर्ते कि उनकी याचिका में उल्लिखित तथ्य सही हों और विधानसभा चुनावों के मद्देनजर लागू आदर्श आचार संहिता के संबंध में अन्य शर्तें पूरी हों। इस बीच, मारे गए पत्रकार राम चंद्र छत्रपति के बेटे अंशुल छत्रपति ने चुनाव आयोग से हस्तक्षेप की मांग करते हुए हरियाणा सरकार को डेरा प्रमुख की पैरोल याचिका रद्द करने का निर्देश देने का आग्रह किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि विधानसभा चुनावों से पहले पैरोल देना लोकतांत्रिक मूल्यों का उल्लंघन होगा।
डेरा प्रमुख हरियाणा के सिरसा स्थित अपने आश्रम में दो महिला अनुयायियों के साथ बलात्कार के आरोप में रोहतक की सुनारिया जेल में 20 साल की सजा काट रहे हैं। 2019 में सीबीआई अदालत ने उन्हें छत्रपति की हत्या की साजिश रचने का भी दोषी ठहराया था और आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। राम रहीम ने 5 अक्टूबर को होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले 20 दिन की पैरोल मांगी है।
इस साल 13 अगस्त को उन्हें 21 दिन की छुट्टी पर जेल से रिहा किया गया था और वे उत्तर प्रदेश के बागपत में अपने डेरे में ही रहे। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख और बलात्कार के दोषी गुरमीत राम रहीम सिंह चुनाव से पहले फिर से जेल से बाहर आने वाले हैं, क्योंकि चुनाव आयोग ने सोमवार को उनकी पैरोल याचिका को मंजूरी दे दी है। पिछले नौ महीनों में यह उनकी तीसरी और पिछले चार सालों में 15वीं अस्थायी रिहाई होगी। हरियाणा और पंजाब में प्रभाव रखने वाले राम रहीम सिंह की रिहाई 5 अक्टूबर को होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पहले हुई है।
राम रहीम की छुट्टी और पैरोल हमेशा चुनावों के साथ ही होती रही है, चाहे वह नगर निकाय चुनाव हों या राज्य विधानसभा चुनाव। पैरोल अवधि के दौरान डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को हरियाणा में प्रवेश करने से रोक दिया जाएगा और उन्हें व्यक्तिगत रूप से या सोशल मीडिया के माध्यम से किसी भी चुनाव अभियान गतिविधियों में भाग लेने से रोक दिया जाएगा। चुनाव आयोग की मंजूरी के बाद अब हरियाणा सरकार जल्द ही उनकी रिहाई का आदेश जारी कर सकती है।
13 अगस्त को दी गई 21 दिन की छुट्टी के बाद गुरमीत राम रहीम 2 सितंबर को सुनारिया जेल वापस आ गया। 2020 से अब तक डेरा प्रमुख को 14 बार अस्थायी रिहाई दी जा चुकी है, जो कुल 259 दिन की है। यह छुट्टी फरलो और पैरोल के माध्यम से दी गई है।
19 जनवरी को गुरमीत राम रहीम को लोकसभा चुनाव से पहले पैरोल मिली थी। इसी तरह, 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान डेरा प्रमुख को 7 फरवरी से 27 फरवरी तक 21 दिन की छुट्टी दी गई थी। 17 जून, 2022 को उनकी आठवीं रिहाई भी हरियाणा नगर निगम चुनावों के साथ हुई। हत्या और बलात्कार के दोषी पाए जाने के बाद राम रहीम 20 साल की सजा काट रहा है। वह रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है।