दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की पूर्व प्रमुख और आम आदमी पार्टी (आप) नेता स्वाति मालीवाल ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक पत्र लिखा है, जिसमें मौजूदा सरकार के तहत आयोग के सामने आने वाले कई गंभीर मुद्दों पर प्रकाश डाला गया है। जनवरी 2024 में आयोग से अपने इस्तीफे के बाद से, मालीवाल ने दावा किया है कि सरकार ने 181 हेल्पलाइन नंबर पर कब्जा कर लिया है, बजट में कटौती की गई है, और पिछले छह महीनों से डीसीडब्ल्यू अधिकारियों के वेतन का भुगतान नहीं किया गया है।

मालीवाल ने आप द्वारा राज्यसभा के लिए नामांकन के बाद से डीसीडब्ल्यू प्रमुख पद के खाली होने पर भी चिंता जताई है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि आयोग से उनके जाने के बाद से डीसीडब्ल्यू को भेदभाव और उपेक्षा का सामना करना पड़ा है। उन्होंने एक्स पर लिखा कि जबसे मैंने दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा दिया है, तबसे दिल्ली सरकार के मंत्रियों और अफ़सरों ने आयोग के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया है। पिछले 6 महीने से किसी को सैलरी नहीं दी गई है, बजट 28.5 प्रतिशत कम कर दिया है, 181 हेल्पलाइन वापिस ले ली गई है और अध्यक्ष और 2 मेम्बर की पोस्ट भरने के लिए कोई कार्य नहीं किया गया है।

मालीवाल ने आगे लिखा कि दलित मेम्बर की पोस्ट 1.5 साल से ख़ाली पड़ी है! मेरे जाते ही हर संभव कोशिश की जा रही है महिला आयोग को फिर से एक कमज़ोर संस्थान बनाने की। महिलाओं से दिल्ली सरकार क्यों दुश्मनी निकाल रही है? मैंने केजरीवाल जी को पत्र लिखके उनसे जवाब माँगा है! अपने पत्र में स्वाति मालीवाल ने सरकार के फैसले पर गहरा अफसोस जताते हुए कहा, ‘यह काफी अफसोसजनक है कि सरकार उन सिस्टम को नष्ट करना चाहती है जिन्हें मैंने 2015 से इतनी मेहनत से बनाया है।’ मालीवाल ने आयोग की विभिन्न पहलों और उपलब्धियों को भी रेखांकित किया। चार पन्नों के पत्र में कई बिंदुओं पर विस्तृत जानकारी दी गई है, जिसमें उनके नेतृत्व में डीसीडब्ल्यू द्वारा किए गए व्यापक कार्यों और प्रगति पर प्रकाश डाला गया है।

 

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