अंतरिक्ष में कई महीनों से फंसे भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर शुक्रवार को भावुक हो गए। दोनों ने कहा कि बोइंग कैप्सूल को अपने बिना धरती पर वापस लौटते देखना आसान नहीं था। जून में सुनीता और बुच इसी कैप्सूल के ज़रिए अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) पहुंचे थे, लेकिन कुछ तकनीकी खराबियों के कारण उन्हें स्पेस स्टेशन पर ही रुकना पड़ा। पिछले हफ्ते बोइंग का कैप्सूल धरती की ओर रवाना हो चुका है, लेकिन सुनीता और बुच उसमें नहीं लौट पाए।
बोइंग कैप्सूल की वापसी के बाद सुनीता विलियम्स ने पहली बार अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष में ऐसी समस्याएं होती रहती हैं, और अब हमें अन्य विकल्पों की ओर देखना होगा। सुनीता और बुच दोनों ISS के पूर्ण चालक दल का हिस्सा हैं, जो स्पेस स्टेशन की देखरेख और तकनीकी कामों में जुटे हुए हैं। हाल ही में दो रूसी और एक अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री भी ISS पहुंचे हैं, जिससे अब स्टेशन पर कुल 12 अंतरिक्ष यात्री मौजूद हैं।
सुनीता विलियम्स जल्द ही ISS की कमांडर के रूप में पदभार संभालेंगी। उन्होंने बताया कि स्पेस स्टेशन पर रहना उनके लिए नया नहीं है, क्योंकि इससे पहले भी वे वहां काम कर चुकी हैं। सुनीता ने ISS को अपना ‘हैप्पी प्लेस’ बताया और कहा कि उन्हें अंतरिक्ष में रहना बहुत पसंद है।
खबरों के अनुसार, सुनीता और बुच अब अगले साल फरवरी के अंत तक ISS में रहेंगे। उनकी वापसी के लिए स्पेस एक्स का एक नया कैप्सूल भेजा जाएगा, जो फरवरी 2025 तक अंतरिक्ष में पहुंचेगा और सुनीता और बुच को लेकर धरती पर वापस लौटेगा। यह खबर दिखाती है कि अंतरिक्ष यात्रा के दौरान तकनीकी चुनौतियां कितनी कठिन हो सकती हैं, लेकिन सुनीता और उनकी टीम के जज्बे को देखते हुए उनकी वापसी की उम्मीद बनी हुई है।