तमिलनाडु में धन शोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार को 10 से अधिक स्थानों पर छापेमारी की। इस कार्रवाई के तहत राज्य के आबकारी मंत्री सेंथिल बालाजी और उनके समर्थकों के घरों पर भी छापेमारी की गई है।

सूत्रों के अनुसार, ईडी के 10 से अधिक अधिकारियों ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के साथ मिलकर छापेमारी की। इनमें प्रमुख रूप से करूर जिले के रायनूर स्थित कोंगू मेस के मालिक मणि (जिन्हें सुब्रमण्यम के नाम से भी जाना जाता है) का घर शामिल है।

इसके अलावा, इरोड रोड पर सरकारी ठेकेदार एम. शंकर आनंद और शक्ति मेस के मालिक कार्थी के आवासों पर भी छापेमारी की जा रही है। ये सभी लोग मंत्री सेंथिल बालाजी के समर्थकों के रूप में पहचाने जाते हैं।

ईडी की यह छापेमारी धन शोधन के मामले में चल रही जांच का हिस्सा है, जिसके तहत कई महत्वपूर्ण स्थानों पर कार्रवाई की जा रही है।

सूत्रों के अनुसार, ईडी के अधिकारी इस कार्रवाई के दौरान कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज और साक्ष्य जुटाने का प्रयास कर रहे हैं।

मंत्री सेंथिल बालाजी पर कई गंभीर आरोप हैं, जिनमें वित्तीय धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार और धन शोधन जैसे मामले शामिल हैं। ईडी इन आरोपों की गहन जांच कर रहा है, और इससे संबंधित दस्तावेजों को जब्त किया जा सकता है, जो कानूनी कार्रवाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

बालाजी को मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में पिछले साल 26 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी थी। इसके तीन दिन बाद ही 29 सितंबर को उन्हें तमिलनाडु के बिजली, मद्य निषेध और आबकारी मंत्री के रूप में बहाल कर दिया गया। मई 2021 से जून 2023 तक वे इसी पद पर थे।

2 दिसंबर, 2024 को सर्वोच्च न्यायालय ने तमिलनाडु सरकार द्वारा उनकी बहाली पर चिंता जताई थी तथा उनके खिलाफ मामले के गवाहों पर पड़ने वाले प्रभाव पर सवाल उठाया था।

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