उत्तर प्रदेश (यूपी) की सरकार ने सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील योजना को और बेहतर बनाने के लिए एक नई पहल की शुरुआत की है। अब यूपी के सरकारी विद्यालयों में छात्रों को मिड-डे मील के साथ-साथ पौष्टिक नाश्ता भी मिलेगा। यह कदम बच्चों के पोषण स्तर को बढ़ाने और उनकी सेहत को सुधारने के उद्देश्य से उठाया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में इस योजना को मंजूरी दी गई है, और इसकी शुरुआत नवंबर महीने से की जाएगी।
यूपी सरकार ने सरकारी स्कूलों में एक नई पहल शुरू की है, जिसके तहत छात्रों को गुरुवार के दिन मिड-डे मील के अलावा पौष्टिक स्नैक्स भी दिए जाएंगे। इन स्नैक्स में बाजरे के लड्डू, मूंगफली की चिक्की और भुना चना शामिल हैं। इन स्नैक्स का चयन विशेष रूप से बच्चों के स्वास्थ्य और ठंड के मौसम को ध्यान में रखते हुए किया गया है। सरकार ने इस साप्ताहिक पोषण कार्यक्रम को बच्चों के लिए अधिक फायदेमंद बनाने के लिए डिजाइन किया है।

‘साप्ताहिक पोषण कार्यक्रम’ के तहत हर हफ्ते एक दिन बच्चों को खास पौष्टिक नाश्ता दिया जाएगा। इस कार्यक्रम में, गुरुवार को बच्चों को मूंगफली की चिक्की, बाजरे के लड्डू और भुना चना जैसे स्वादिष्ट और सेहतमंद स्नैक्स दिए जाएंगे। ये स्नैक्स न केवल स्वादिष्ट होंगे, बल्कि बच्चों के लिए पोषण से भरपूर भी होंगे। यह पहल छात्रों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए की गई है, ताकि उन्हें आवश्यक विटामिन, मिनरल्स और ऊर्जा मिल सके।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेसिक शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिए कि इस योजना को नवंबर महीने से ही लागू किया जाए। इस समय ठंड का मौसम शुरू हो चुका है, और यह पौष्टिक नाश्ता बच्चों के स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद साबित होगा। सरकार ने इस योजना के लिए 95 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया है, जिससे पहले चरण में इस योजना को लागू किया जाएगा।

यूपी के सरकारी स्कूलों में फिलहाल पीएम पोषण योजना (PM Poshan Scheme) के तहत कक्षा 1 से 8 तक के 1.74 करोड़ छात्रों को मिड-डे मील में पौष्टिक भोजन दिया जा रहा है। मिड-डे मील में हर दिन विभिन्न प्रकार का भोजन दिया जाता है, ताकि बच्चों की रुचि बनी रहे और उनका पोषण संतुलित रहे। इसके अलावा, छात्रों को 100 से 150 ग्राम अनाज भी दिया जाता है। अब, इस योजना में बाजरे के लड्डू, मूंगफली की चिक्की और भुना चना जैसे स्नैक्स भी शामिल किए जाएंगे, जिससे बच्चों को और भी पोषक तत्व मिलेंगे।

इस योजना को सफल बनाने के लिए प्रदेश सरकार ने 3.72 लाख रसोइयों की नियुक्ति की है। ये रसोईये बच्चों के लिए मिड-डे मील और पौष्टिक स्नैक्स तैयार करेंगे। रसोइयों को हर महीने 2000 रुपये का मानदेय मिलेगा और साल में एक बार यूनिफॉर्म के लिए 500 रुपये की सुविधा दी जाएगी। इसके अलावा, इन रसोइयों को विशेष ट्रेनिंग भी दी जा रही है ताकि वे बच्चों के लिए स्वादिष्ट और पोषक भोजन और नाश्ता तैयार कर सकें। यूपी सरकार ने इस योजना की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सोशल ऑडिट कराने का निर्णय लिया है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बच्चों को सही पोषण मिल रहा है और नाश्ते की गुणवत्ता उच्च स्तर की हो। इसके अलावा, इस योजना की नियमित मॉनिटरिंग की जाएगी, ताकि किसी भी तरह की गड़बड़ी या लापरवाही को रोका जा सके।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षा विभाग की बैठक में इस बात के निर्देश दिए कि इस योजना को पूरी तरह से लागू किया जाए और इसकी निगरानी की जाए। उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि नाश्ते की गुणवत्ता की जांच के लिए सोशल ऑडिट किया जाए। यह कदम इस बात को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है कि बच्चों को न केवल सही पोषण मिले, बल्कि खाने की गुणवत्ता भी सर्वोत्तम हो।

यूपी सरकार की यह पहल बच्चों के स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है। मिड-डे मील के अलावा पौष्टिक स्नैक्स देने से बच्चों को आवश्यक पोषण मिलने के साथ-साथ उनका विकास भी बेहतर होगा। इस पहल के तहत बच्चों को ठंड के मौसम में खास नाश्ते की सुविधा मिलेगी, जिससे उनकी सेहत में सुधार होगा। इस योजना के सफल क्रियान्वयन से अन्य राज्यों में भी ऐसी योजनाओं को लागू करने की प्रेरणा मिल सकती है।

 

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