सोने की कीमतों में हाल ही में जबरदस्त उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। मंगलवार को जहां 24 कैरेट गोल्ड ने ऐतिहासिक छलांग लगाते हुए ₹1 लाख का स्तर पार कर लिया था, वहीं अब एक ही दिन के अंदर इसमें भारी गिरावट दर्ज की गई है। इस तेजी से गिरते बाजार ने निवेशकों को फिर से सोचने पर मजबूर कर दिया है—क्या ये खरीदारी का सही मौका है?

सोना फिर फिसला: क्या है ताज़ा रेट?

23 अप्रैल को 24 कैरेट शुद्धता वाला 10 ग्राम सोना गिरकर ₹98,350 पर पहुंच गया है। एक दिन पहले यानी 22 अप्रैल को यह ₹1,01,350 तक चढ़ा हुआ था। इस तरह 24 घंटे में सोने की कीमतों में ₹3,000 की भारी गिरावट देखी गई है।

क्या है गिरावट की वजह?

सोने की कीमतों में नरमी की सबसे बड़ी वजह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अमेरिका और चीन के बीच तनाव में राहत के संकेत हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीन पर लगाए गए टैरिफ में कटौती के बयान से ट्रेड वॉर के थमने की संभावना जताई जा रही है। इस संभावित सुलह ने सोने की सुरक्षित निवेश वाली चमक थोड़ी फीकी कर दी है।

सोने की कीमत कैसे तय होती है?

सोने की दरें केवल घरेलू मांग या सप्लाई से नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों की चाल से भी तय होती हैं। लंदन ओटीसी स्पॉट मार्केट और कॉमेक्स गोल्ड फ्यूचर्स जैसे प्रमुख वैश्विक बाजारों में ट्रेंडिंग प्राइस का भारत पर भी असर होता है।
दुनिया भर में लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन (LBMA) US डॉलर में गोल्ड की कीमतें तय करता है, जो एक ग्लोबल बेंचमार्क मानी जाती है। भारत में इंडियन बुलियन ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) इन्हीं कीमतों को आधार बनाकर टैक्स और ड्यूटी जोड़कर घरेलू रेट तय करता है।

निवेश का मौका या रुकने का वक्त?

बाजार जानकारों के मुताबिक, सोने में ऐसी गिरावट निवेशकों के लिए एक संभावित एंट्री पॉइंट हो सकती है। लेकिन साथ ही, यह भी जरूरी है कि निवेश करने से पहले अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों और बाजार की दिशा का विश्लेषण कर लिया जाए।

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