सुप्रीम कोर्ट में आज वक्फ संशोधन एक्ट की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर लगातार दूसरे दिन सुनवाई हुई। केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलीलें दी। उन्होंने कोर्ट से कहा कि ये ऐसा मामला नहीं है जहां मंत्रालय ने एक बिल बनाया और बिना सोच-विचार के वोटिंग कर दी गई। हम बहुत पुरानी समस्या को खत्म कर रहे हैं, जिसकी शुरुआत 1923 में हुई। तुषार मेहता ने दलील दी कि हमने वक्फ़ को लेकर 2023 में कुछ कमियों को नोटिस किया। उसे दूर करने के लिए कानून लेकर आए हैं। सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि यहां कुछ याचिका कर्ता आए हैं ये कुछ लोग मुस्लिम समुदाय के सभी लोगों का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकते।