अवैध मदरसों पर कार्रवाई को लेकर उत्तराखंड में भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने आ गए हैं। राज्य में एक महीने के भीतर सरकार 150 से अधिक अवैध मदरसों सील कर चुकी है। इस कार्रवाई के विरोध में जमीयत ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इधर, गुरुवार को दून मेडिकल कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम के बाद प्रेसवार्ता में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि देवभूमि के स्वरूप को बचाए रखना हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि राज्य में अवैध रूप से या पहचान छिपाकर रहने वाले लोगों के खिलाफ भी सत्यापन अभियान चलाया जाएगा और ऐसे लोगों से सख्ती से निपटा जाएगा। सीएम ने कहा कि राज्य में कानून के साथ जीना सबकी आदत में आना चाहिए और यह सुनिश्चित कराया जाएगा। सीएम ने कहा कि कांग्रेस नेता केवल मीडिया में बने रहने के लिए इस प्रकार की बयानबाजी कर रहे हैं।
उत्तराखंड में अवैध मदरसों के खिलाफ चल रहे अभियान से कांग्रेसी आक्रोशित हैं। मदरसों पर कार्रवाई के विरोध में पूर्व सीएम हरीश रावत के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों ने गुरुवार को मुख्य सचिव राधा रतूड़ी से मुलाकात की। कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों की पढ़ाई की वैकल्पिक व्यवस्था किए बिना ही तालाबंदी की कार्रवाई सिर्फ वर्ग विशेष को निशाना बनाने को की गई है। पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि 100 से अधिक मदरसों पर तालाबंदी कर दी गई है। इस कार्रवाई से बच्चे, उनके अभिभावक परेशान हैं। यदि ये मदरसे अवैध हैं, तो सरकार बताए कि कब उन्हें नोटिस दिए गए। सिर्फ अचानक अवैध घोषित कर तालाबंदी कर दी गई। कहा कि यदि किसी मदरसे में गलत फंडिंग हो रही है, वो अवैध हैं तो उनकी सूची सार्वजनिक की जाए।