लोकसभा चुनाव 2024 में अब 9 महीने से भी कम वक्त बचा है। ऐसे में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने अपने-अपने बनाए प्लान पर काम करना शुरू कर दिया है। इसी क्रम में प्रधान मंत्री मोदी ने 2024 के आम चुनावों की तैयारी के तहत सोमवार को NDA सांसदों के साथ मीटिंग की। इस दौरान पीएम ने सांसदों से स्थानीय मुद्दों पर ज्यादा फोकस करने, अपने क्षेत्र के लोगों से जुड़े रहने और असंतुष्ट और रूठे नेता और कार्यकर्ताओं से फिर से संपर्क बढ़ाने और उन्हें मनाने को कहा। सूत्रों ने बताया कि पीएम ने सांसदों से कहा कि 2024 की लड़ाई में सिर्फ राम मंदिर के भरोसे न रहें बल्कि स्थानीय लोगों की भरोसा जीतें, उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएं। प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश के सांसदों के साथ बैठक में सांसदों को जमीनी स्तर पर जाने और क्षेत्र के लोगों के साथ अधिक समय बिताने की सलाह दी।
पीएम मोदी ने सांसदों से यह भी कहा कि NDA को एक रखने के लिए BJP ने हमेशा आगे बढ़कर बलिदान दिया है और बिहार का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि लगभग दोगुनी विधायक होने के बावजूद पार्टी ने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाना लेकिन उन्होंने फिर भी गठबंधन तोड़ दिया और विपक्षी में चले गए।
इन बातों के अलावा प्रधानमंत्री ने सांसदों से यह भी कहा कि आपलोग अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा समय बिताएं। स्थानीय मुद्दों पर बात करने, लोगों द्वारा दिए गए इनविटेशन जैसे शादी, मुंडन के कार्यक्रमों में जाने को कहा है, जिनमें बड़ी संख्या में लोग शामिल होते हैं। “पीएम मोदी ने एनडीए सांसदों को 2024 की जीत का मंत्र दिया और कहा ‘जो रूठे हैं, नाराज हैं उन्हें मनाएं, चुनाव के दौरान जनता के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताएं।”
इसके अलावा पीएम ने सांसदों से कहा कि आपलोग के क्षेत्र में जो भी परियोजनाएं आधी अधूरी रह गई है या विकास के काम छूट गए हैं उसे पूरा करें ताकि जनता का भरोसा कम न हो। बता दें कि बैठक में वरुण गांधी भी मौजूद थे, जिनके पिछले कुछ बयानों को देखे तो वो पार्टी लाइन से विपरीत थे। उनका इस मीटिंग में मौजूद होना इस बात का इशारा करता है कि अभी वो भाजपा के साथ हीं रहेंगे। इस बैठक में पश्चिमी उत्तर प्रदेश, ब्रज और उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के सांसद पहुंचे थे।
नई दिल्ली के महाराष्ट्र सदन में हुई बैठक में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी मौजूद थे। एनडीए सांसदों की पहली बैठक की मेजबानी केंद्रीय मंत्री और जाट चेहरा संजीव बालियान और बीएल वर्मा ने की। पश्चिम बंगाल, ओडिशा और झारखंड के सांसदों के साथ दूसरी बैठक संसद परिसर में हुई, जिसमें वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह ने भाग लिया।