कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने मुडा जमीन घोटाला मामले में मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी। राज्यपाल के फैसले के बाद हुबली में सांगोली रायन्ना सर्कल पर कांग्रेस और अहिंदा संगठनों ने संयुक्त विरोध-प्रदर्शन किया।

प्रदर्शनकारियों ने टायर जलाकर विरोध जताया और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। विधायक प्रसाद अब्बय्या और एनएच कोनरेड्डी ने इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया।

विधायक प्रसाद अब्बय्या और एनएच कोनरेड्डी ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने पूरे मामले को राजनीतिक साजिश से प्रेरित बताते हुए कहा कि भाजपा को प्रदेश की कांग्रेस सरकार को गिराने का मौका मिल गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने राजभवन का दुरुपयोग किया है। हम सभी अपने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के साथ खड़े हैं और मजबूती से इस लड़ाई को लड़ेंगे।

ज्ञात हो कि, मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (मुडा) जमीन आवंटन मामले में सीएम के खिलाफ शिकायत दर्ज करने के लिए एक एक्टिविस्ट ने राज्यपाल से आग्रह किया था। आरटीआई कार्यकर्ता की ओर से दायर शिकायत के आधार पर राज्यपाल ने सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ केस चलाने की मंजूरी दी है।

उल्लेखनीय है कि मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (मुडा) घोटाला मामला करीब पांच हजार करोड़ रुपये का है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं। बताया जा रहा है कि उनकी पत्नी पार्वती को मैसूर विकास प्राधिकरण (मुडा) में एक घोटाले में फायदा हुआ था।

विपक्ष का आरोप है कि सिद्धारमैया की पत्नी को शहर के एक दूरदराज इलाके में 3.40 एकड़ जमीन के अधिग्रहण के बदले वैकल्पिक भूखंड दिए गए। उस जमीन की बाजार कीमत उनकी अपनी जमीन से ज्यादा है।

आरोप हैं कि सिद्धरमैया की पत्नी पार्वती को मैसुरू में प्रतिपूरक भूखंड आवंटित किया गया था जिसका संपत्ति मूल्य उनकी उस भूमि की तुलना में अधिक था जिसे एमयूडीए ने ‘अधिग्रहीत’ किया था। एमयूडीए ने पार्वती को उनकी 3.16 एकड़ भूमि के बदले 50:50 अनुपात योजना के तहत भूखंड आवंटित किए थे।

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