पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ के भाई और परिवारजनों की शत्रु संपत्ति घोषित हो चुकी जमीन के दाम पड़ोसी किसानों ने आसमान पर पहुंचाए। इन किसानों ने जमीन के बेस प्राइज से काफी ऊंची बोली लगाई। जिसके चलते बेस प्राईस करीब 37 लाख की जमीन एक करोड़ 38 लाख 16 हजार रुपये में बिकी। बताया जा रहा है कि केवल तीन लोगों ने ही इस शत्रु संपत्ति की जमीन को खरीदा है।
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के पिता मुशर्रफुद्दीन और माता बेगम जरीन कोताना गांव के रहने वाले थे। वे 1943 में दिल्ली जाकर रहने लगे थे। जहां परवेज मुशर्रफ व उनके भाई डॉ. जावेद मुशर्रफ का जन्म हुआ था। उनका परिवार वर्ष 1947 में बंटवारे के समय पाकिस्तान चला गया था, लेकिन दिल्ली के अलावा उनके परिवार की हवेली व खेती की जमीन कोताना में मौजूद है।
बता दें कि यह जमीन परवेज मुशर्रफ के भाई डॉ. जावेद मुशर्रफ व परिवार के अन्य सदस्यों की है। हवेली के साथ ही गांव जंगल में करीब 13 बीघा खेती की जमीन वीरान पड़ी थी। करीब 15 साल पहले शासन ने डॉ. जावेद मुशर्रफ व परिवार के अन्य सदस्यों की जमीन को शत्रु संपत्ति में दर्ज कर दिया था। गत दिवस 13 बीघा जमीन के आठ खसरों 1070, 1071, 1072, 1073, 1074, 1075, 1076 व 1078 की ऑनलाइन नीलामी हुई।
सात खसरों वाली करीब 13 बीघा जमीन का बेस प्राइस 37.5 लाख रुपये रखा गया था, लेकिन पड़ोसी किसानों ने जमीन के दाम आसमान पर पहुंचा दिए। खसरा नंबर 1070 का ब्रेस प्राइज 6.65 लाख था, जिसकी अंतिम बोली 25.85 लाख रुपये पर छूटी। इसी तरह खसरा संख्या 1071 का ब्रेस प्राइज 7.63 लाख था, जिसकी अंतिम बोली 25.63 लाख रुपये छूटी। खसरा संख्या 1074 का ब्रेस प्राइज 7.98 लाख रुपये था, इसकी अंतिम बोली 30.88 लाख रुपये पर छूटी। बताया जाता है कि सात खसरों वाली करीब 13 बीघा जमीन को तीन लोगों ने खरीदा है।