रायबरेली निवासी 62 वर्षीय श्रीकांति देवी को तीन -चार महीने पहले पेट में दर्द व गैस की दिक्कत थी। इसके साथ ही उनको भूख भी नहीं लगती थी। इस परेशानी को लेकर वह स्थानीय डॉक्टर के पास गयीं, तो उन्होंने अल्ट्रासाउंड करवाने को कहा, लेकिन जांच में कुछ भी पता नहीं चला।
फिर श्रीकांति ने दूसरे डॉक्टर के पास जाकर अपनी परेशानी बतायी, तो उस डॉक्टर की सलाह पर उन्होंने सीए125 की जांच कराई, जिसकी रेंज बढ़ी हुई थी।
इसके बाद श्रीकांति ने सहारा हॉस्पिटल के वरिष्ठ कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. शशांक चौधरी को दिखाया, तो उन्होंने श्रीकांति की कुछ जरूरी जांचें जैसे पेट का सीटी स्कैन करवाया और साथ ही खून की जांच करवाई, तो पता चला कि उनके पेट में पानी भरा हुआ है। इस पर डॉ. चौधरी ने लगभग तीन लीटर पानी निकाला। पानी की जांच में भी रिजल्ट पॉजिटिव आया।
डॉ. चौधरी ने बताया कि मरीज को अंडाशय की तीसरी स्टेज का कैंसर था। मरीज को तीन साइकिल कीमो की दवाई दी गई, जो लगभग दो महीने चलीं और फिर श्रीकांति की सहमति के बाद उनका ऑपरेशन किया गया।
ऑपरेशन में उनके पेट की झिल्ली, अंडाशय (बच्चेदानी) तथा पेट की ग्रंथियों को निकाला गया। इसके अलावा डॉ. चौधरी ने इसमें एक नई तकनीकी का प्रयोग किया, जिसे हाईपेक (हाइपरथर्मिंक इंटरापेरीटोनियल कीमोथेरेपी) मशीन कहते हैं। इसमें ऑपरेशन के बाद कीमोथेरेपी को पेट के अंदर 41 डिग्री सेल्सियस पर दिया जाता है, जिससे कैंसर की बची हुई कोशिकाएं खत्म होती हैं।
डॉ. चौधरी ने बताया कि इस तकनीकी का प्रयोग ज्यादातर दक्षिण भारत के अस्पतालों में ही किया गया है। उतर भारत में सहारा हॉस्पिटल (Sahara Hospital) उन चुनिंदा अस्पतालों में से एक है, जहां इस तकनीकी का इस्तेमाल किया गया है। इस तकनीकी से इलाज करवाने का यह फायदा है कि यह बीमारी ठीक करने और कैंसर को खत्म करने में सक्षम है। इसमें कैंसर के वापस आने की संभावना बहुत ही कम होती है। इस सर्जरी की सफलता में सहारा हॉस्पिटल के वरिष्ठ एनस्थीसिया डॉ. आदेश श्रीवास्तव (Dr. Adesh Srivastava) व डॉ. राजीव दास (Dr. Rajeev Das) की भूमिका महत्वपूर्ण रही। ऑपरेशन लगभग 9 घंटे चला और फिर 7 दिन बाद मरीज को डिस्चार्ज कर दिया गया।
सहारा इंडिया परिवार के वरिष्ठ सलाहकार अनिल विक्रम सिंह (Anil Vikram Singh) ने ऑपरेशन करने वाली टीम की सराहना करते हुए कहा कि हमारे अभिभावक सहाराश्री जी की संकल्पना के पथ पर सहारा हॉस्पिटल नित नई ऊंचाइयों को छू रहा है।