भारत की एकता के वास्तुकार कहे जाने वाले सरदार वल्लभ भाई पटेल की आज जयंती है। देश में सरदार पटेल की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है।
इस खास मौके पर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, पीएम मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना व कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी के पटेल चौक पर आयोजित एक विशेष समारोह में देश के पहले गृह मंत्री को श्रद्धांजलि अर्पित की।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 148वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि राष्ट्रीय एकता के लिए उनकी प्रतिबद्धता आज भी सभी का मार्गदर्शन करती है। मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘सरदार पटेल की जयंती पर, हम उनकी अदम्य भावना, दूरदर्शी नेतृत्व और असाधारण समर्पण को याद करते हैं जिससे उन्होंने हमारे राष्ट्र के भाग्य को आकार दिया।
बता दें कि सरदार पटेल देश के पहले गृह मंत्री थे और उन्होंने आजादी के बाद भारत के एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई इसलिए उनकी जयंती को ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के रूप में भी मनाया जाता है। ऐसे में देशभर में जगह-जगह ‘रन फॉर यूनिटी’ कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।
गृह मंत्री अमित शाह ने ‘एक्स’ पर कहा कि भारत की एकता और समृद्धता सरदार वल्लभभाई पटेल जी के जीवन का एकमात्र ध्येय था।
गृह मंत्री ने कहा कि अपनी चट्टान जैसी दृढ़ इच्छाशक्ति, राजनीतिक विद्वता व कठोर परिश्रम से 550 से अधिक रियासतों में बंटे भारत को एक संगठित राष्ट्र बनाने का काम किया।
पटेल चौक पर हुए समारोह में दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना और विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी समेत अन्य लोग शामिल हुए।
हमारे प्रेरणास्रोत सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर उन्हें शत्-शत् नमन: मल्लिकार्जुन खड़गे
सरदार वल्लभभाई पटेल की 148वीं जयंती पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पूरे देश को एकजुट करने में उनके योगदान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी।
खड़गे ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ”हमारा कर्तव्य है कि हम तय करें हमें भारत में भाइयों की तरह रहना है, चाहे कोई भी समुदाय हो, हिंदू, मुस्लिम, सिख, पारसी, ईसाई, हर किसी को समझना चाहिए कि यह हमारा देश है।”
“पूरे देश को एकता और अखंडता के सूत्र में बांधने वाले भारत के लौह पुरुष, देश के पहले उपप्रधानमंत्री, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष और हमारे प्रेरणास्रोत सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की जयंती पर उन्हें शत्-शत् नमन।”
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भी सरदार पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा, “आज कृतज्ञ राष्ट्र एकमात्र सरदार वल्लभभाई पटेल की 148वीं जयंती मना रहा है।”
उन्होंने कहा ,13 फरवरी, 1949 को उनकी एक कांस्य प्रतिमा का अनावरण करते हुए जवाहरलाल नेहरू ने कहा था, ”सरदार पटेल अकेले गुजरात के नहीं हैं, वे पूरे भारत के हैं। उन्होंने आजाद भारत का नक्शा खींचा है। भारत की आजादी को सुरक्षित रखने में उनका बहुत बड़ा हाथ रहा है और बाद में इसे सुरक्षित रखने में भी उन्होंने काफी योगदान दिया।”
उन्होंने कहा, “यहां यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि नेहरू ने अपने स्वयं के विश्वासों के खिलाफ जाकर अपने जीवनकाल के दौरान पटेल की कांस्य प्रतिमा का उद्घाटन करके पटेल मामले में एक अपवाद बनाया था।
सरदार पटेल का जन्म 1875 में गुजरात में हुआ था। वह स्वतंत्रता संग्राम के दौरान एक प्रमुख कांग्रेस नेता और महात्मा गांधी के सहयोगी थे।
स्वतंत्र भारत के पहले गृह मंत्री के रूप में, उन्हें सैकड़ों रियासतों को संघ में एकजुट करने का श्रेय दिया जाता है। उनकी जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है।