इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मलिहाबाद के कथित गैंगस्टर वसीम खान की कुर्क की गई संपत्तियों को मुक्त करने का आदेश देते हुए टिप्पणी की है कि कोर्ट से यह आशा नहीं की जा सकती कि वह सरकार के डाकखाने या मुखपत्र की तरह काम करे। न्यायालय ने पाया कि कथित गैंगस्टर की जिन संपत्तियों को कुर्क किया गया है, वे याची द्वारा मुंबई के अपने व्यवसाय की आय से खरीदी गई हैं। यह फैसला न्यायमूर्ति शमीम अहमद ने वसीम खान की याचिका पर सुनाया।