लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्गों पर अवैध रूप से बने कटों के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को लेकर सख्त रूख अपनाया है। सभी जिलाधिकारियों को अवैध कट तत्काल बंद करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, ऐसे अवैध कटों की निगरानी भी करने के लिए कहा गया है, ताकि दोबारा निर्माण न किया जा सके।
प्रमुख सचिव एल वेंकटेश्वर लू ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को राष्ट्रीय राजमार्गों पर बने अवैध कटों को बंद किए जाने के संबंध में दिशा निर्देश जारी किया है। उन्होंने अपने आदेश में कहा है कि 20 नवंबर 2023 को प्रदेश विधान सभा की प्रतिनिहित विधायन समिति (इंल्पीसिट लेजिस्लेशन कमेटी) की बैठक में प्रदेश के स्कूली बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्कूली वाहनों के संचालन हेतु उत्तर प्रदेश मोटरयान नियमावली को संशोधित करने पर विचार विमर्श हुआ था। इसी क्रम में समिति द्वारा प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्गों पर अवैध रूप से निर्मित कटों के कारण होने वाली अत्यधिक सड़क दुर्घटनाओं पर गंभीर चिंता प्रकट की गई और इन्हें तत्काल बंद कराने के लिए संबंधित विभाग और अधिकारियों को निर्देशित किए जाने की अपेक्षा की गई है।
उन्होंने कहा कि इस तरह की दुर्घटनाओं को रोकने के लिए अवैध कटों पर रोक अति आवश्यक है। ऐसे में प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वह अपने जनपद के अधीन आने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों पर अवैध रूप से निर्मित किए गए कटों को तत्काल बंद कराने के लिए संबंधित को प्रभावी आदेश दें।
प्रमुख सचिव ने कहा है कि यह अवैध कट बाद में फिर से शुरू नहीं होने चाहिएं। ऐसे में सभी जिलाधिकारियों से कहा गया है कि वह समय-समय पर राष्ट्रीय राजमार्गों पर अवैध रूप से निर्मित कटों के संबंध में अपने स्तर से उसकी निगरानी व समीक्षा किया जाना भी सुनिश्चित करेंगे। यदि कोई अवैध कट पुन: शुरू होता है तो उसको तत्काल रूप से बंद कराने के साथ ही जिम्मेदारी तय करते हुए प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित की जानी चाहिए।