कर्नाटक विधानसभा पर राजस्थान की सियासत का भी असर साफ दिखाई दे रहा है। कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने जिस सचिन पायलट को पार्टी का असेट बताया था। अब उसे पूरी तरह से दरकिनार कर दिया गया है। कर्नाटक चुनाव में स्टार प्रचारक सूची से सचिन पायलट का नाम शामिल ही नहीं किया गया हैं। वहीं उनके सियासी विरोधी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को स्टार प्रचारकों में शामिल किया गया है। इसे लेकर गहलोत से पायलट तक के खेमें के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।
गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कथित भ्रष्टाचार को लेकर कांग्रेस नेता पायलट ने पिछले दिनों जयपुर में अपनी ही सरकार के खिलाफ अनशन किया था। राजस्थान के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा इस अनशन को पार्टी विरोधी गतिविधि बता चुके हैं। अब ऐसा माना जा रहा है कि पायलट को स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल नहीं कर पार्टी ने सख्ती का संदेश दिया है।
कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की सूची में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, हिमाचाल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं के नाम शामिल हैं।
वरिष्ठों के साथ युवा
कांग्रेस ने वरिष्ठों के साथ युवा पीढ़ी के नेताओं को स्टार प्रचारक बनाया है। वरिष्ठ नेताओं में पूर्व वित्त मंत्री पी.चिदंबरम, सांसद शशि थरूर, कर्नाटक के पूर्व सीएम सिद्धारमैया, प्रदेश अध्यक्ष डी.के.शिवकुमार, प्रभारी महासचिव रणदीप सुरजेवाला, जगदीश शैट्टर शामिल है। जबकि युवा पीढ़ी में राज्यसभा सदस्य सैयद नासिर हुसैन, युवा कांग्रेस अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास, तेलंगाना के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष रेवंत रेड्डी, राज्यसभा सदस्य इमरान प्रतापगढ़ी, कन्हैया कुमार, दिव्या स्पंदना के नाम शामिल है।
यूं समझिए मायने
- राहुल गांधी ने सचिन पायलट को असेट बताया
- पिछले दो साल से हर चुनाव में प्रचार किया
- हिमाचल प्रदेश के पर्यवेक्षक रहे और सरकार बनी
- पायलट ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, असम, केरल, गुजरात समेत उत्तर पूर्व के राज्यों में बतौर स्टार प्रचारक कांग्रेस के लिए प्रचार किया था।