संसद में आज का दिन भी हंगामे की भेंट चढ़ सकता है। दरअसल कांग्रेस समेत विपक्ष के कई दलों ने हेल्थ इंश्योरेंस में जीएसटी बढ़ाए जाने के खिलाफ प्रदर्शन का फैसला किया है।
विपक्षी दल संसद में मकर द्वार के बाहर अपना विरोध प्रदर्शन करने जा रहे हैं।
इसके साथ ही कांग्रेस पार्टी ने केंद्रीय कृषि मंत्री के खिलाफ सदन में विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाने का भी फैसला किया है। उधर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज लोकसभा में वित्तीय वर्ष 2024-2025 के लिए केंद्र सरकार के वित्तीय प्रस्तावों को प्रभावी करने वाले विधेयक पर विचार करने का प्रस्ताव रखेंगी।
लोकसभा आज बजट भी पारित कर सकती है। इस बीच केंद्र सरकार बांग्लादेश की स्थिति और वहां हो रही हिंसा पर नजर बनाए हुए हैं। केंद्र सरकार ने एक सर्वदलीय बैठक भी बुलाई है। कांग्रेस पार्टी का कहना है कि वह राज्यसभा को गुमराह करने के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाएगी।
कांग्रेस ने कहा है कि सरकार का चाल, चरित्र और चेहरा किसान विरोधी है। देश के कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का ट्रैक रिकॉर्ड रायसेन और मंदसौर में किसानों के खून से होली खेलने का है। दुर्भाग्य की बात है कि अब वह देश के कृषि मंत्री बन गए हैं। एक तरफ मोदी सरकार ने सदन में कहा कि वह लागत पर 50 प्रतिशत मुनाफा देंगे और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को कूड़ेदान में डाल दिया था।
दूसरी तरफ सरकार ने 06 फरवरी 2015 को सुप्रीम कोर्ट में शपथ पत्र देकर कहा कि किसान को लागत पर कभी भी 50 प्रतिशत मुनाफा नहीं दिया जा सकता और कांग्रेस ने स्वामीनाथन आयोग की 175 सिफारिशों को लागू कर दिया था। ऐसे में सच क्या है और झूठ क्या है। यानि भाजपा सिर्फ लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है। यह दर्शाता है इनकी सोच किसान विरोधी है।
वहीं राज्यसभा सांसद और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि देश के कृषि मंत्री को झूठ बोलने की आदत है। उन्होंने चौहान के इस दावे को खारिज किया जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस सरकार ने किसानों को कोई कर्जमाफी नहीं दी। दिग्विजय सिंह ने कहा कि कमलनाथ के नेतृत्व में मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने लगभग 37 लाख किसानों का कर्ज माफ किया था।